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सुबह से ही श्रद्धा और आस्था की अनोखी छटा हर गली, हर चौराहे और हर दिशा में बिखरी
पुरी। पुरी धाम शुक्रवार को पूरी तरह महाप्रभु श्री जगन्नाथ की भक्ति में लीन नजर आया। विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा के शुभ अवसर पर श्रद्धा और आस्था की अनोखी छटा हर गली, हर चौराहे और हर दिशा में बिखरी हुई थी। रात से ही रथयात्रा को देखने के लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का पुरी पहुंचना शुरू हो गया था, जो सुबह होते-होते लाखों की भीड़ में तब्दील हो गया।
सुबह की पहली किरण के साथ ही पुरी का मुख्य मार्ग बरदांड पर आस्था का सागर उमड़ पड़ा। भक्तों की भीड़ जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ आगे बढ़ रही थी। हर दिशा से गूंजते हरि कीर्तन, ढोल-नगाड़ों की ताल और भक्तों का संकीर्तन इस पावन नगरी को आध्यात्मिक रंग में रंग चुका था। भक्तगण कीर्तन करते हुए नाच-गाकर अपनी भक्ति प्रकट कर रहे थे। महिलाएं, युवा, वृद्ध – हर आयु वर्ग के लोगों की भागीदारी देखने को मिली।
पुरी समुद्र तट से लेकर श्री मंदिर तक का पूरा इलाका भक्तों से खचाखच भरा था। समुद्र तट पर स्नान कर श्रद्धालु मंदिर की ओर प्रस्थान कर रहे थे। रथयात्रा के लिए जैसे ही महाप्रभु श्री जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के बाहर आए, समूचे वातावरण में भक्ति उमड़ पड़ी।
भारी भीड़ और बारिश के बीच प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्था भी काबिले तारीफ रही। यातायात को नियंत्रित करने के लिए पहले से ट्रैफिक डायवर्जन लागू कर दिया गया था। पुलिस बल, होम गार्ड्स, एनडीआरएफ और स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य हर मोर्चे पर मुस्तैद दिखे। विशेषकर सुबह की बारिश से सड़कों पर कीचड़ और फिसलन हो गई थी, लेकिन स्थिति को संभालने के लिए जगह-जगह फव्वारा से पानी का छिड़काव कर रास्तों को साफ किया गया।
स्वयंसेवकों की भूमिका इस रथयात्रा में अत्यंत महत्वपूर्ण रही। हजारों की संख्या में युवा स्वयंसेवक श्रद्धालुओं की सहायता करते नजर आए। उन्होंने न केवल भीड़ को नियंत्रित किया, बल्कि बीमार, बुजुर्ग और छोटे बच्चों की मदद में भी सक्रिय भूमिका निभाई।
रथयात्रा में शामिल हुए एक श्रद्धालु का कहना था कि महाप्रभु के दर्शन और इस दिव्य रथयात्रा में शामिल होकर जीवन धन्य हो गया।
पुरी की रथयात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और सेवा भावना का भी प्रतीक है। हर वर्ष की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की संख्या रिकॉर्ड तोड़ रही है और व्यवस्था सुचारु रखने में प्रशासन और स्वयंसेवकों ने विशेष प्रयास किए हैं।