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ओडिशा में समुद्री व्यापार के विकास को प्राथमिकता

  • गोपालपुर बंदरगाह के उन्नयन और जटाधार मुहाने पर जेटी निर्माण के लिए रियायत समझौता

  • जटाधार मुहाने पर जेएसडब्लू की ओर से 2,100 करोड़ का निवेश, 52 मिलियन टन माल परिवहन होगा

  • गोपालपुर बंदरगाह में 16,554 करोड़ का निवेश, माल परिवहन क्षमता बढ़कर 50 मिलियन टन होगी

  • इन दोनों परियोजनाओं के माध्यम से राज्य में 8,450 प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार सृजित होंगे

  • समुद्री व्यापार का विकास राज्य सरकार का एक प्रमुख फोकस क्षेत्र है – मुख्यमंत्री

भुवनेश्वर। राज्य के विभिन्न स्थानों पर बंदरगाह, जेटी और अन्य आधारभूत ढाँचों की स्थापना कर ओडिशा में समुद्री व्यापार के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। यह बात आज मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने गोपालपुर बंदरगाह के उन्नयन और जगतसिंहपुर जिले के जटाधार मुहाने पर कैप्टिव जेटी के निर्माण हेतु रियायत समझौते पर हस्ताक्षर के अवसर पर कही।

उल्लेखनीय है कि जगतसिंहपुर जिले के एरसमा तहसील अंतर्गत जटाधार मुहाने पर एक कैप्टिव जेटी के निर्माण के लिए जेएसडब्ल्यू उत्कल स्टील लिमिटेड और ओडिशा सरकार के बीच रियायत समझौता संपन्न हुआ है। 52 मिलियन मीट्रिक टन माल ढोने की क्षमता वाली इस जेटी की स्थापना के लिए प्रारंभिक चरण में 2,100 करोड़ का निवेश किया जाएगा और इसके माध्यम से लगभग 3,450 प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार सृजित होंगे।

इसी प्रकार, 16,554 करोड़ के निवेश से गोपालपुर बंदरगाह के विस्तार और उन्नयन के कार्य हेतु गोपालपुर पोर्ट्स लिमिटेड और ओडिशा सरकार के बीच भी रियायत समझौता हुआ है। इस उन्नयन कार्य के बाद बंदरगाह की माल परिवहन क्षमता 50 मिलियन मीट्रिक टन हो जाएगी और इसके जरिए लगभग 5,000 युवाओं को प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।

इस अवसर पर जेएसडब्ल्यू उत्कल स्टील लिमिटेड के प्रेसिडेंट अनिल कुमार सिंह, गोपालपुर पोर्ट्स लिमिटेड के बिजनेस हेड श्री संदीप जयसवाल और ओडिशा सरकार की ओर से बंदरगाह निदेशक पद्मलोचन राउत ने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में संबंधित रियायत समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

लोकेसेवा भवन में आयोजित इस समझौता हस्ताक्षर कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समुद्री व्यापार के विकास के लिए विभिन्न निजी कंपनियों के साथ भागीदारी के आधार पर कार्य किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि आने वाले दिनों में इंचूड़ी और बाहुड़ा में दो नए बंदरगाह स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जबकि सुवर्णरेखा और अस्तरंग बंदरगाहों के विकास के लिए भी योजनाएं बनाई जा रही हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि गोपालपुर पोर्ट लिमिटेड और जेएसडबलू स्टील, ये दोनों कंपनियां बंदरगाह विकास और इस्पात उत्पादन के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर ख्यातिप्राप्त हैं। ये दोनों परियोजनाएं ओडिशा में पोर्ट-आधारित विकास के क्षेत्र में एक नया युग आरंभ करेंगी और इनके माध्यम से राज्य में 8,450 प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार सृजित होंगे।

वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना ने कहा कि ओडिशा के समग्र विकास मं बंदरगाहों और जेटियों के उन्नयन की एक प्रमुख भूमिका है। ओडिशा के विस्तृत समुद्र तटीय क्षेत्र में कई संभावित स्थानों की पहचान की गई है, जहाँ मध्यम एवं लघु बंदरगाह, जेटी, तथा तटीय परिवहन और आधारभूत ढाँचे के विकास को राज्य सरकार की प्राथमिकता के रूप में चिह्नित किया गया है।

इस कार्यक्रम में मत्स्य और पशु संसाधन विकास मंत्री गोकुलानंद मलिक, मुख्य प्रशासनिक सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त अनु गर्ग, उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य प्रशासनिक सचिव हेमंत शर्मा तथा जेएसडबलू उत्कल स्टील और गोपालपुर पोर्ट्स लिमिटेड के अधिकारीगण उपस्थित थे।

वाणिज्य और परिवहन विभाग की प्रमुख प्रशासनिक सचिव उषा पाढ़ी ने कार्यक्रम में सभी अतिथियों का स्वागत किया और अतिरिक्त सचिव विधान राय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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