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केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने किया पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर तीखा प्रहार
भुवनेश्वर। भारत में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर “कांग्रेस द्वारा लगाया गया कि आजादी के बाद कांग्रेस एक परिवार केंद्रित दल बनता गया। ‘परिवार सर्वोच्च’ की भावना को चुनौती देने वाले नेताओं को धीरे-धीरे किनारे कर दिया गया। 1969 में कांग्रेस में हुई टूट के बाद इंदिरा गांधी के आगे पार्टी बौनी बन गई और उन्होंने इसे एक कठोर तानाशाह की तरह चलाया।
उन्होंने कहा कि आपातकाल की कल्पना भी इंदिरा गांधी की अधिनायकवादी सोच का परिणाम थी। जून 1975 में इंदिरा गांधी ने तानाशाही सोच और सत्ता की लालसा में देश के लोकतंत्र और संविधान का गला घोंट दिया। संविधान की आत्मा पर प्रहार किया गया और लोगों के मौलिक अधिकारों का दमन किया गया। व्यवस्था के हर स्तंभविधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, नौकरशाही और मीडिया को बंधक बनाने की कोशिश की गई।
धर्मेंद्र प्रधान ने आगे कहा कि इंदिरा गांधी ने यह गलती की कि वे समझ बैठीं कि जिस तरह कांग्रेस पार्टी उनके आगे झुक गई, देश भी झुक जाएगा, लेकिन देश ने यह साबित किया कि उसकी लोकतांत्रिक जड़ें इतनी गहरी हैं कि वह किसी भी तानाशाही के आगे नहीं झुकता। 1977 में तानाशाही हार गई और लोकतंत्र की विजय हुई। उन्होंने कहा कि देश ने कांग्रेस की “परिवार प्रथम” की तानाशाही सोच को सदा के लिए नकार दिया है।आज आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर हम उन सभी महान विभूतियों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष किया और बलिदान दिया।