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भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है 25 जून : मुख्यमंत्री

  • सत्ता की लालसा और तानाशाही मानसिकता के कारण लागू किया गया था आपातकाल – मोहन माझी

भुवनेश्वर। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने 25 जून 1975 की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए इसे “भारतीय लोकतंत्र की आत्मा पर एक कठोर आघात” बताया।

सोशल मीडिया पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि 1975 में आज ही के दिन, सत्ता की लालसा और एक परिवार की तानाशाही मानसिकता के कारण पूरे देश में आपातकाल लागू किया गया था। यह कदम भारतीय लोकतंत्र की भावना का गला घोंटने वाला था, जिसने आम नागरिकों के मौलिक अधिकारों को रौंद डाला।

उन्होंने आगे कहा कि आपातकाल के दौरान लाखों निर्दोष भारतीयों को बिना किसी कारण जेल भेजा गया और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया की आवाज को बेरहमी से दबा दिया गया। इस “काले अध्याय” की 50वीं बरसी पर मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपने लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों के प्रति सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि 2025 में जब हम इस दिन की पचासवीं वर्षगांठ मना रहे हैं, तब यह जरूरी है कि हम लोकतंत्र की रक्षा के महत्व को पुनः समझें और जागरूक रहें।

भारत सरकार द्वारा इस दिन को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाए जाने के निर्णय का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री माझी ने नागरिकों से लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति फिर से प्रतिबद्ध होने की अपील की। उन्होंने कहा कि आइए, आज हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और उस आपातकालीन दौर में संविधान व स्वतंत्रता के लिए उठी हर आवाज़ को सम्मान देंगे।

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