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डीजीपी ने बुलाई आपात उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक
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सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की
भुवनेश्वर। ओडिशा में ट्रेनों के जरिए अवैध हथियारों की तस्करी के मामलों में बढ़ोतरी ने पुलिस और रेलवे सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। खासकर आगामी रथयात्रा जैसे बड़े धार्मिक उत्सव से पहले राज्य में सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसी कड़ी में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) योगेश बहादुर खुरानिया ने सोमवार को एक आपात उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की।
रेल मार्ग बन रहे हैं तस्करों के सुरक्षित रास्ते
सूत्रों के अनुसार, हाल के दिनों में ट्रेनों के जरिए अवैध हथियारों की आवाजाही के मामलों में वृद्धि देखी गई है। अपराधी रेलवे स्टेशनों और रेल मार्गों को ‘सुरक्षित जोन’ मानकर इनका इस्तेमाल तस्करी के लिए कर रहे हैं। यह न केवल कानून व्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती है, बल्कि रथयात्रा जैसे विशाल जनसमूह वाले आयोजनों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े करता है।
खुफिया इनपुट के आधार पर हुई रणनीतिक बैठक
डीजीपी कैंप कार्यालय में हुई इस बैठक में खुरानिया ने राज्य के वरिष्ठ रेलवे और सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर इस खतरे को रोकने के लिए रणनीतियां तय कीं। बैठक में विशेष रूप से इंटेलिजेंस इनपुट्स और शिकायतों के आधार पर रेलवे परिसरों में आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम पर चर्चा की गई।
बैठक में शामिल हुए वरिष्ठ अधिकारी
बैठक में रेलवे और कोस्ट गार्ड के डीजी अरुण बोथरा, ईस्ट कोस्ट रेंज आईजी आलोक बोरा, साउथ ईस्ट रेंज आईजी संजय मिश्र, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के आईजी मनोहर खुर्शीद, विभिन्न मंडलों के वरिष्ठ डीआरएम, रेलवे अधीक्षक, और रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
रथयात्रा की सुरक्षा पर विशेष फोकस
बैठक के दौरान आगामी रथ यात्रा को देखते हुए रेलवे में यात्रियों की भीड़ को संभालने, सुरक्षा बढ़ाने और संभावित आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए विशेष उपायों पर भी चर्चा की गई। इसमें संयुक्त गश्त, खुफिया जानकारी साझा करने और अतिरिक्त बल की तैनाती जैसे कदमों पर सहमति बनी।
रेलवे को अपराध मुक्त ज़ोन बनाने की तैयारी
बैठक में यह तय किया गया कि ओडिशा पुलिस और रेलवे सुरक्षा एजेंसियां मिलकर एक संयुक्त ऑपरेशनल प्लान तैयार करेंगी ताकि रेलवे मार्गों को अपराधियों के दुरुपयोग से बचाया जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।