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बालेश्वर जिले के 61 गांव जलमग्न
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50,000 से अधिक लोग प्रभावित
बालेश्वर। सबर्णरेखा नदी में आई बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे घटने लगा है, लेकिन ओडिशा के बालेश्वर जिले में लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। बाढ़ का असर बालियापाल, भोगराई, जलेश्वर और बस्ता ब्लॉकों के 21 ग्राम पंचायतों के 61 गांवों तक फैला हुआ है। प्रशासन के अनुसार, अब तक 50,000 से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं।
भोगराई ब्लॉक के पांच पंचायतों के 12 गांव अभी भी जलमग्न हैं और गांवों का संपर्क बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटा हुआ है। ग्रामीण नावों के सहारे गांव छोड़ रहे हैं और सड़क किनारे, बस स्टैंड, उच्च स्थलों और चक्रवात शेल्टरों में शरण ले रहे हैं।
आधी रात बिना चेतावनी आई तबाही
भोगराई के एक निवासी ने बताया कि मैं अब यहां से चला जाऊंगा। मेरा घर डूब गया, मवेशी बह गए और खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई। सरकार से जो भी मदद मिलेगी, उसी से गुजर-बसर करेंगे। पानी इतना था कि गांव की सड़कों पर चल भी नहीं सकते थे, नाव से ही बाहर निकले।
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि हम बहुत परेशान हैं, सबसे बड़ी समस्या पीने के पानी की है। कुछ लोगों के मोटर से थोड़ा-बहुत पानी मिल रहा है। फसल और खेत सब बर्बाद हो गए। प्रशासन की तरफ से कोई चेतावनी नहीं मिली थी, अचानक पानी आ गया।
प्रशासन के प्रयास और चुनौतियां
जिला प्रशासन ने अब तक सूखा राशन और पीने का पानी वितरण किया है। जलेश्वर एनएसी में फ्री किचन चालू कर दिए गए हैं और सबसे अधिक प्रभावित बालियापाल ब्लॉक में राहत सामग्री दी जा रही है।
फायर सर्विस की टीमें और नावें राहत व निकासी कार्य में लगी हैं। बालेश्वर के कलेक्टर सूर्यवंशी मयूर विकास ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
कलेक्टर ने बताया कि हमें उम्मीद है कि सुबह तक जलस्तर और घटेगा। स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा हैलोजन टैबलेट और ओआरएस का वितरण किया गया है। हर प्रभावित परिवार को सूखा राशन उपलब्ध कराने का प्रयास जारी है।
फिर भी कई गांव प्रशासन की पहुंच से दूर
हालांकि राहत देने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन कई आंतरिक गांवों में अब भी मदद नहीं पहुंच पाई है। एक प्रभावित महिला रेणुबाला दलई ने कहा कि रात में पानी घर में घुस गया। अब बस स्टॉप में शरण ली है। पानी के अलावा कोई राहत अब तक नहीं मिली। मनी हांसदा ने कहा कि मेरा घर डूब चुका है, सुबह से कुछ खाया भी नहीं।