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ओडिशा की प्राथमिक शिक्षा में नए युग की शुरुआत

  • प्रधानमंत्री मोदी ने की ‘गोदाबरिश मिश्र आदर्श विद्यालय’ योजना की शुरुआत

भुवनेश्वर। राज्य की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और समावेशी बनाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ओडिशा में ‘गोदाबरिश मिश्र आदर्श प्राथमिक विद्यालय’ योजना का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री मोहन माझी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत राज्य के प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक-एक मॉडल प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की जाएगी। कुल 6,794 ग्राम पंचायतों में ये विद्यालय खोले जाएंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और आधुनिक शिक्षा सुलभ हो सकेगी।

इन विद्यालयों का नाम प्रसिद्ध ओड़िया शिक्षाविद्, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और राष्ट्रवादी नेता पंडित गोदाबरिश मिश्र के नाम पर रखा गया है। शिक्षा और संस्कृति को समर्पित उनके विचारों को ध्यान में रखते हुए इन विद्यालयों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के सिद्धांतों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है। यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाने की कोशिश है, बल्कि ओडिशा की गौरवशाली शैक्षिक परंपरा को भी आधुनिक रूप में आगे बढ़ाने की दिशा में एक कदम है।

स्मार्ट होंगे विद्यालय

इन विद्यालयों को ‘सत्यवादी बन विद्यालय’ की भावना से प्रेरित करते हुए समग्र शिक्षा के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड, कंप्यूटर लैब, भाषा प्रयोगशाला, अलग-अलग शौचालय, स्वच्छ पेयजल, भोजन कक्ष, खेल मैदान, हरित परिसर और डिजिटल पुस्तकालय जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही बच्चों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए विशेष गतिविधि क्षेत्र भी बनाया जाएगा।

100 वर्ष से अधिक पुराने या सबसे पुराने 45 से 51 विद्यालयों होंगे पुनर्जीवित

इस योजना की एक विशेष बात यह है कि इसके तहत राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित 100 वर्ष से अधिक पुराने या सबसे पुराने लगभग 45 से 51 विद्यालयों को पुनर्जीवित किया जाएगा। इन विद्यालयों का जीर्णोद्धार कर उन्हें आधुनिक स्वरूप प्रदान किया जाएगा ताकि वे शिक्षा के क्षेत्र में अपनी ऐतिहासिक भूमिका को फिर से निभा सकें।

ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की खाई को कम होगी

राज्य सरकार को उम्मीद है कि यह पहल ग्रामीण और शहरी शिक्षा के बीच की खाई को कम करेगी, सरकारी विद्यालयों के प्रति लोगों का भरोसा फिर से बहाल करेगी और ‘निपुण मिशन’ के तहत बच्चों को मजबूत शैक्षिक आधार प्रदान करेगी। इसके साथ ही यह योजना ओडिशा की शैक्षिक विरासत को संरक्षित रखने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाएगी।

‘गोदाबरिश मिश्र आदर्श विद्यालय’ योजना को ओडिशा की शिक्षा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जो तकनीकी नवाचार के साथ सांस्कृतिक मूल्यों को भी जोड़ती है। प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति में इस योजना की शुरुआत न केवल एक कार्यक्रम थी, बल्कि राज्य के शिक्षा भविष्य की नई दिशा का उद्घोष भी थी।

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