कटक। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या समणी निर्देशिका डॉ. निर्वाणप्रज्ञा जी, समणी मध्यस्थप्रज्ञा जी के सान्निध्य में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, कटक द्वारा आयोजित कन्या संस्कार निर्माण शिविर का शुभारंभ हुआ। दिनांक 9 जून सोमवार से 13 जून तक चलने वाले शिविर में जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष श्री मनसुखलाल जी सेठिया, राष्ट्रीय संस्कार निर्माण शिविर प्रभारी श्री प्रफुल्ल जी बेताला, ओड़िशा प्रांतीय सभा के अध्यक्ष श्री मनोज जी जैन, महासभा के संरक्षक श्री मोहनलाल जी सिंघी, भुवनेश्वर सभा के अध्यक्ष श्री रणजीत सिंह जी बैद, मंत्री श्री वीरेन्द्र जी बेताला व मोटीवेशनल स्पीकर सुश्री पूजा बोथरा की गरिमामयी उपस्थिति रही। अतिथिगण ने पंच दिवसीय शिविर में होने वाली पुस्तकाकार कार्यक्रम-सूची का विमोचन किया।
कार्यक्रम का प्रारंभ समणी जी द्वारा नवकार मंत्र के साथ किया गया। महिला मंडल की बहनों ने मंगलाचरण किया। कन्या मंडल ने सुमधुर स्वागत गीत प्रस्तुत किया। कटक सभा के अध्यक्ष श्री मुकेश कुमार जी सेठिया ने सभी अतिथियों, शिविरार्थियों व समागत श्रद्धालुओं का भावभीना स्वागत किया।
समणी जी ने अपने मंगल उद्बोधन में कहा कि धर्म का मूल है विनय। क्रोध-मान-माया व लोभ के साथ अहंकार त्याज्य है। बड़ों के प्रति विनम्रता का विकास करना है, तभी शुभ भविष्य सामने होगा।
महासभा अध्यक्ष श्री मनसुखलाल जी सेठिया ने कहा कि आज के परिवेश में संस्कार निर्माण शिविर का बहुत बड़ा महत्व है। कन्याएं एक नहीं बल्कि दो कुल संवारती है । इस शिविर में समग्र विकास के सूत्र मिलेंगे, जो जीवनोपयोगी सिद्ध होंगे। राष्ट्रीय प्रभारी श्री प्रफुल्ल जी बेताला व ओड़िशा प्रांतीय सभा अध्यक्ष श्री मनोज जी जैन ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए सभी सहभागी कन्याओं के प्रति मंगलकामनाएंँ व्यक्त की।
कार्यक्रम संयोजक श्री सुनील जी कोठारी की सहयोगी Creative Educatar & Soft Skills Trainer सुश्री निहारिका सिंघी ने अपनी भावनाएंँ व्यक्त करते हुए सभी को आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन कन्या मंडल संयोजिका सुश्री शिखा सेठिया व सहसंयोजिका सुश्री माही दुगड़ ने किया। शिविर में 10 स्थानों से 67 बालिकाओं ने भाग लिया है। मंत्री श्री रणजीत जी दुगड़ की देख-रेख में स्थानीय तेरापंथी सभा, युवक परिषद, महिला मंडल, कन्या मंडल व किशोर मंडल के सदस्यों का व्यवस्था पक्ष में पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है।