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मुख्यमंत्री मोहन माझी का बीजद सरकार पर तीखा हमला
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कहा-काम करने के लिए समय नहीं, बल्कि इच्छा शक्ति की होती है जरूरत
भुवनेश्वर। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूर्ववर्ती बीजद सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि जिस कार्य को बीजद सरकार 24 वर्षों में नहीं कर पाई, वह उनकी सरकार ने मात्र 24 मिनट में कर दिखाया। यह टिप्पणी उन्होंने 12 जून 2024 को सम्पन्न अपनी पहली कैबिनेट बैठक के निर्णयों का ज़िक्र करते हुए की, जो सिर्फ 24 मिनट तक चली थी लेकिन ऐतिहासिक साबित हुई।
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि काम करने के लिए समय नहीं, बल्कि इच्छा शक्ति की जरूरत होती है। हमारी सरकार जनता से किया गया हर वादा निभाने के लिए प्रतिबद्ध है।
पहली कैबिनेट बैठक में लिये गए चार ऐतिहासिक निर्णय
12 जून 2024 को मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के एक घंटे बाद हुई पहली कैबिनेट बैठक में सरकार ने चार महत्वपूर्ण फैसले लिये थे। यह बैठक 24 मिनट तक चली थी। इसमें श्री जगन्नाथ मंदिर के चारों द्वार खोलने का निर्णय लिया था, जिससे श्रद्धालुओं में उत्साह की लहर दौड़ गई। इसके साथ ही श्रीमंदिर के विकास हेतु 500 करोड़ का विशेष कोष गठित करने की घोषणा, रत्नभंडार को खोलने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय भी शामिल थे। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ‘सुभद्रा योजना’ की शुरुआत और किसानों के हित में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 3100 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा भी शामिल थी।
बीजद सरकार पर तीखा प्रहार
मोहन माझी ने पूर्व बीजद सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 24 वर्षों तक सत्ता में रही बीजद ने जनता को केवल प्रतीक्षा में रखा। मंदिर का रत्नभंडार हो या किसानों का हक, महिलाओं की सुरक्षा हो या युवाओं का भविष्य — हर मोर्चे पर वादाखिलाफी और अनदेखी की गई।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने आते ही यह दिखा दिया कि सच्चे इरादे और इच्छाशक्ति से बदलाव संभव है। यह सरकार वक्त जाया नहीं करती, बल्कि परिणाम देती है।
सबका साथ, सबका विकास का मूल मंत्र
मुख्यमंत्री माझी ने कहा कि केंद्र की तरह उनकी सरकार भी “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” के सिद्धांत पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सूची में गरीब, अन्नदाता (किसान), युवा और महिलाएं सबसे ऊपर हैं।
राजनीति नहीं, सेवा है उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का उद्देश्य केवल राजनीति करना नहीं, बल्कि जनसेवा और जनकल्याण है। उन्होंने जनता को भरोसा दिलाया कि आने वाले वर्षों में ओडिशा को एक आदर्श और आत्मनिर्भर राज्य बनाने की दिशा में काम जारी रहेगा।