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श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए उठाया गया कदम
पुरी। जगन्नाथ मंदिर के प्रमुख धार्मिक उत्सवों में से एक स्नान यात्रा से पहले पुरी जिला प्रशासन ने शनिवार को पूर्ण पैमाने पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस अभ्यास का उद्देश्य श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रण, आपातकालीन प्रतिक्रिया और पर्व की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करना था।
इस मॉक ड्रिल का संचालन टाउन थाना परिसर स्थित इंटीग्रेटेड कंट्रोल रूम की निगरानी में किया गया, जिसमें पुलिस, अग्निशमन सेवा, स्वास्थ्य विभाग, मंदिर प्रशासन और स्वयंसेवकों सहित कई विभागों और एजेंसियों ने मिलकर भाग लिया।
भीड़ के अनुमान से प्रशासन सतर्क
अधिकारियों के अनुसार, इस वर्ष स्नान पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की संख्या पिछले वर्षों की तुलना में अधिक होने की संभावना है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के सभी पहलुओं को लेकर तैयारियों को परखा।
वास्तविक परिस्थितियों का अभ्यास
मॉक ड्रिल के दौरान भीड़भाड़, आगजनी, चिकित्सा आपातकाल और मार्ग अवरोध जैसी संभावित स्थितियों का अभ्यास किया गया। अधिकारियों ने इन चुनौतियों से निपटने की समन्वित कार्यप्रणाली का आकलन किया।
प्रशिक्षण में यह देखा गया कि विभिन्न विभाग आपातकालीन परिस्थितियों में कितनी तत्परता से और आपसी तालमेल के साथ काम कर सकते हैं। सभी विभागों की भूमिका स्पष्ट की गई और उनकी प्रतिक्रिया क्षमताओं की समीक्षा की गई।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि
जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्नान पूर्णिमा जैसे बड़े उत्सवों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस अभ्यास के माध्यम से किसी भी संभावित जोखिम से बचने और आपातकालीन स्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटने की योजना तैयार की गई है।
स्नान पूर्णिमा पर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पारंपरिक स्नान विधि संपन्न होती है, जिसमें हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पुरी पहुंचते हैं। प्रशासन की इस पहल से श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुव्यवस्थित वातावरण में दर्शन का अवसर मिलने की संभावना बढ़ी है।
अधिकारियों ने आम जनता से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्गदर्शन और सुरक्षा नियमों का पालन करें और सहयोग बनाए रखें।