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कोइड़ा के जंगल में सीआरपीएफ, कोबरा और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में मिली सफलता
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झारखंड सीमा पर लगातार सर्च ऑपरेशन
भुवनेश्वर/राउरकेला। माओवादी विरोधी अभियान के तहत सुरक्षा बलों को सोमवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। उन्होंने कोइड़ा क्षेत्र के एक सुदूरवर्ती जंगल से लगभग 2.5 टन विस्फोटक सामग्री बरामद की है। यह बरामदगी उस समय हुई, जब कोबरा बटालियन, सीआरपीएफ और एसओजी की संयुक्त टीम को माओवादियों की गतिविधियों को लेकर गुप्त सूचना मिली थी।
बताया गया है कि जरेइकेला थाना क्षेत्र के अंतर्गत टिरिलिपोष के घने जंगलों में जमीन के भीतर गुप्त रूप से विस्फोटक छिपाए गए थे, ताकि हवाई या जमीनी निगरानी से बचा जा सके। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह विस्फोटक सुरक्षा बलों, सार्वजनिक स्थलों या बुनियादी ढांचे पर बड़े हमले के लिए इस्तेमाल किए जा सकते थे।
लंबी तलाशी के बाद विस्फोटक मिले
सूचना के आधार पर जब सुरक्षा बलों ने जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया, तो मेटल डिटेक्टर और स्निफर डॉग्स की मदद से लंबी तलाशी के बाद यह विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। बरामद सामान की संरचना और स्रोत की जांच फिलहाल की जा रही है।
4 टन विस्फोटक सामग्री लूट का हो सकता है हिस्सा
सूत्रों का कहना है कि यह विस्फोटक हाल ही में सुंदरगढ़ जिले के के. बालांग थाना क्षेत्र के बांको से लूटी गई करीब 4 टन विस्फोटक सामग्री का हिस्सा हो सकता है। उसी मामले में शुक्रवार को झारखंड की सीमा से लगे जंगल में माओवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ के बाद तीन टन से अधिक विस्फोटक पहले ही बरामद हो चुके हैं।
यह अभियान ऐसे समय में हो रहा है जब 1 जून को राउरकेला शहर के रघुनाथपाली थाना क्षेत्र में बालिघाट पेट्रोल पंप के पास दो ट्रक, जिनमें बड़ी मात्रा में संदिग्ध विस्फोटक लदे थे, जब्त किए गए थे।
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा ओडिशा और झारखंड दोनों तरफ से एक साथ कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया जा रहा है ताकि माओवादियों के नेटवर्क और विस्फोटकों के पूरे जखीरे का पता लगाया जा सके।
पुलिस व सुरक्षा एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि बरामद विस्फोटक लूटे गए चार टन विस्फोटकों का ही हिस्सा हैं या नहीं।