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विस्फोटक लूटने को लेकर ओडिशा-झारखंड सीमा सील

  • एनआईए टीम जांच में जुटी

  • सुंदरगढ़ में माओवादियों द्वारा 4 टन विस्फोटक लूटे जाने से हड़कंप

राउरकेला/भुवनेश्वर। ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के के. बलांग क्षेत्र में माओवादियों द्वारा एक ट्रक से लगभग 4 टन विस्फोटकों की लूट के बाद सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। इस घटना के बाद ओडिशा-झारखंड सीमा को सील कर दिया गया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है।

मंगलवार सुबह करीब 9:30 बजे एक ट्रक बड़गांव गोदाम से बांको क्षेत्र के एक पत्थर खदान के लिए विस्फोटक ले जा रहा था। इसको लगभग 30-40 सशस्त्र माओवादियों ने घेर लिया। उन्होंने ट्रक चालक को बंदूक की नोक पर धमकाया और ट्रक को पास के जंगल में ले जाने को मजबूर किया। वहां, अन्य माओवादियों के साथ मिलकर उन्होंने लगभग 200 पैकेट विस्फोटकों को उतारा और ट्रक को जंगल में छोड़कर फरार हो गए। ट्रक चालक और सहायक को बाद में सुरक्षित छोड़ दिया गया।

सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट

इस घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद ओडिशा पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने संयुक्त रूप से तलाशी अभियान शुरू किया। ओडिशा के पुलिस महानिदेशक वाईबी खुरानिया ने बुधवार को राउरकेला का दौरा किया और उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें झारखंड पुलिस के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी करने और माओवादियों की गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने पर चर्चा हुई।

राउरकेला पहुंची एनआईए की टीम

गुरुवार को एनआईए की एक टीम राउरकेला पहुंची और घटना स्थल का निरीक्षण किया। एनआईए ने इस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मानते हुए जांच अपने हाथ में ली है। सूत्रों के अनुसार, लूटे गए विस्फोटकों का उपयोग माओवादियों द्वारा भविष्य में हमलों के लिए किया जा सकता है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा चिंताएं बढ़ गई हैं।

ट्रक चालक और खदान मालिक से पूछताछ

पुलिस ने ट्रक चालक और खदान मालिक से पूछताछ की है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि अपराधियों को विस्फोटकों की जानकारी कैसे मिली। सुरक्षा एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या इसमें अंदरूनी लोगों की मिलीभगत है। इस घटना ने क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों की संभावित बढ़ोतरी की आशंका को बल दिया है।

तलाशी अभियान जारी

सुरक्षा बलों द्वारा तलाशी अभियान जारी है और क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी गई है। इस घटना ने ओडिशा और झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है।

अप्रैल 2024 में माओवाद मुक्त घोषित हुआ था सुंदरगढ़

यह घटना उस समय हुई है, जब सुंदरगढ़ जिले को अप्रैल 2024 में माओवाद मुक्त घोषित किया गया था। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि केंद्र सरकार की माओवाद मुक्त भारत की योजना पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके अलावा, खदानों और निर्माण स्थलों पर सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और विस्फोटक सामग्री के परिवहन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

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