Home / Odisha / भुवनेश्वर रिंग रोड परियोजना का कार्य एक माह में होगा शुरू

भुवनेश्वर रिंग रोड परियोजना का कार्य एक माह में होगा शुरू

  • मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने की घोषणा

  • ट्रैफिक जाम से राहत और आधुनिक नगरीय यातायात प्रणाली की दिशा में एक बड़ा कदम

भुवनेश्वर। राजधानी भुवनेश्वर में लंबे समय से प्रतीक्षित रिंग रोड परियोजना जल्द ही साकार होने जा रही है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने शनिवार को घोषणा की कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का निर्माण कार्य एक माह के भीतर शुरू हो जाएगा। यह परियोजना राज्य की राजधानी के यातायात दबाव को कम करने और शहर को स्मार्ट और सुगम बनाने के उद्देश्य से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में

मंत्री ने जानकारी दी कि रिंग रोड के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और अगले एक महीने में पूरी तरह पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके बाद परियोजना के भौतिक निर्माण कार्य की शुरुआत तेज़ी से की जाएगी।

जयदेव विहार से नंदनकानन तक बिना ट्रैफिक लाइट की सड़क

प्रारंभिक चरण में परियोजना जयदेव विहार से नंदनकानन तक के खंड पर केंद्रित होगी, जो वर्तमान में भारी यातायात जाम का प्रमुख क्षेत्र है। मंत्री ने बताया कि दिसंबर 2025 तक इस मार्ग पर दोनों लेन (लेफ्ट और राइट कैरिजवे) का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।

इस रूट पर कोई ट्रैफिक सिग्नल नहीं रहेगा। इसके बजाय इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम और स्मार्ट मोबिलिटी तकनीक लागू की जाएगी ताकि वाहनों की आवाजाही बिना रुकावट और सुरक्षित ढंग से हो सके।

शहर के लिए बहु-परियोजनात्मक योजना

मंत्री ने आगे कहा कि भुवनेश्वर और उसके आसपास के क्षेत्रों में फ्लाईओवर, सड़क चौड़ीकरण और बाईपास जैसी अन्य अवसंरचनात्मक परियोजनाओं की आधारशिला भी जल्द रखी जाएगी। इन सभी परियोजनाओं का उद्देश्य राजधानी की यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाना और विभिन्न क्षेत्रों के बीच बेहतर संपर्क सुनिश्चित करना है।

ढाई से तीन साल में सभी परियोजनाएं होंगी पूरी

मंत्री हरिचंदन ने कहा कि राज्य सरकार कई बड़ी शहरी गतिशीलता परियोजनाओं को लागू करने जा रही है, और हमारा लक्ष्य है कि अगले ढाई से तीन वर्षों के भीतर इन सभी परियोजनाओं को पूरा किया जाए।

राजधानी की अर्थव्यवस्था व जीवनशैली को मिलेगी नई गति

यह रिंग रोड परियोजना भुवनेश्वर को एक आधुनिक, जाम-मुक्त और स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। यह न केवल यात्रियों को आसान और तेज़ आवागमन का अनुभव देगी, बल्कि राजधानी की अर्थव्यवस्था और जीवनशैली को भी नई गति प्रदान करेगी।

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