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असमय रथयात्रा पर फिर विवादों में इस्कॉन

  • इस बार दक्षिण अफ्रीका में आयोजन को लेकर आक्रोश

  • इस्कॉन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर तस्वीरें और वीडियो साझा किया

भुवनेश्वर। इस्कॉन एक बार फिर असमय रथयात्रा आयोजित करने को लेकर विवादों में घिर गया है। इस बार यह आयोजन दक्षिण अफ्रीका के सैंडटन में हुआ, जो इस्कॉन द्वारा निर्धारित परंपरागत तिथि से हटकर रथयात्रा मनाने की चौथी घटना बन गई है।

सैंडटन में हुए आयोजन को इस्कॉन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर प्रचारित किया, जहां से तस्वीरें और वीडियो साझा किए गए। परंतु परंपरागत तिथि से इतर इस प्रकार रथयात्रा का आयोजन करने पर श्रद्धालुओं और सांस्कृतिक संरक्षकों ने तीव्र आपत्ति जताई है।

पिछले सप्ताह लंदन के चेल्म्सफोर्ड में भी इस्कॉन द्वारा इसी प्रकार की असमय रथयात्रा आयोजित की गई थी, जिसे लेकर सोशल मीडिया पर विरोध की लहर फैल गई थी। नवंबर 2024 में अमेरिका के ह्यूस्टन में भी ऐसा ही आयोजन हुआ था, जिस पर तीव्र विरोध के बाद गजपति महाराज दिव्यसिंह देब ने इस्कॉन को पत्र लिखकर आयोजन रोकने की अपील की थी। बाद में इस्कॉन ने वहां रथयात्रा की जगह गौर-निताई संकीर्तन यात्रा आयोजित करने की घोषणा की थी।

संवेदनशील धार्मिक भावनाओं को ठेस

इस्कॉन द्वारा परंपरा से हटकर बार-बार रथयात्रा आयोजित करने पर श्रद्धालुओं में रोष गहराता जा रहा है। प्रख्यात ओड़िया बालुका कलाकार सुदर्शन पटनायक ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से भगवान जगन्नाथ की परंपरा की धार्मिक पवित्रता को ठेस पहुंचती है।

मौन इस्कॉन, बढ़ती असहमति

विभिन्न मंदिरों और श्रद्धालुओं की बार-बार अपील के बावजूद इस्कॉन द्वारा लगातार ऐसे आयोजन किए जाने से धार्मिक समुदाय में असंतोष बढ़ता जा रहा है। अब तक इस्कॉन ने सैंडटन में हुए ताज़ा विवाद को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।

श्रद्धालु मांग कर रहे हैं कि इस्कॉन भगवान जगन्नाथ से जुड़ी परंपराओं का सम्मान करे और केवल निर्धारित तिथि को ही रथयात्रा जैसे आयोजनों का आयोजन करे, ताकि धार्मिक मर्यादाएं बनी रहें और वैश्विक स्तर पर भारत की सांस्कृतिक पहचान को कोई आंच न पहुंचे।

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