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उद्योग मंत्री संपद चंद्र स्वाईं की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक
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भूमि अधिग्रहण व मंजूरी प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने के निर्देश
भुवनेश्वर। ओडिशा की औद्योगिक प्रगति को नई गति देने के उद्देश्य से राज्य के उद्योग, कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा मंत्री संपद चंद्र स्वाईं ने खरवेल भवन में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) द्वारा पारादीप और भद्रक में प्रस्तावित दो महत्त्वपूर्ण आधारभूत परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
समीक्षा का मुख्य केंद्र पारादीप में दोहरी उपयोग वाली नेफ्था क्रैकर इकाई और भद्रक में सूत निर्माण परियोजना रही। ये दोनों परियोजनाएं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के पूर्वोदय दृष्टिकोण की नींव मानी जा रही हैं।
बैठक में स्वाईं ने संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ लंबित भूमि अधिग्रहण मामलों का शीघ्र समाधान करने और आवश्यक कानूनी अनुमतियों की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं का शीघ्र कार्यान्वयन राज्य में औद्योगिक विकास के साथ-साथ बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसरों के द्वार खोलेगा।
स्वाईं ने कहा कि ये परियोजनाएं ओडिशा के विकास पथ में परिवर्तनकारी साबित होंगी। इनसे औद्योगिक समृद्धि का नया युग प्रारंभ होगा, जिसका लाभ सीधे आम जनता तक पहुंचेगा।
अन्य मंत्रियों की भी रही सहभागिता
राज्य के उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा सेवा तथा ओड़िया भाषा, साहित्य एवं संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने भी बैठक में भाग लिया और सभी हितधारकों के बीच समन्वय के महत्त्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य की दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता को साकार करने के लिए मिल-जुल कर कार्य करना आवश्यक है।
परियोजनाओं का संभावित प्रभाव
पारादीप में स्थापित की जाने वाली नेफ्था क्रैकर परियोजना को पेट्रो रसायन क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाली माना जा रहा है। इससे क्षेत्र में विविध प्रकार के उद्योग विकसित होंगे और राज्य को नई औद्योगिक पहचान मिलेगी। वहीं, भद्रक की सूत निर्माण परियोजना राज्य के वस्त्र उद्योग को मजबूती प्रदान करेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष रूप से रोजगार सृजन में अहम भूमिका निभाएगी।
प्रशासन की सक्रिय भागीदारी
बैठक में यह स्पष्ट हुआ कि राज्य सरकार औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध है। शासन की सक्रियता, समयबद्ध हस्तक्षेप और विभागीय समन्वय से इन महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं को शीघ्र धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा है।
बैठक में उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हेमंत शर्मा, आईओसीएल, आईडीसीओ, इपिकॉल, ओपीटीसीएल, टाटा पावर, ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, जल संसाधन विभाग के अधिकारी तथा भद्रक व जगतसिंहपुर जिलों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
इस समीक्षा बैठक ने राज्य सरकार की औद्योगिक दृष्टि और समर्पित प्रशासनिक कार्यशैली को स्पष्ट रूप से दर्शाया, जो ओडिशा को एक समृद्ध और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।