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वैश्विक स्टार्टअप फेस्ट में देंगे नवाचार का परिचय
भुवनेश्वर। ओडिशा के आठ होनहार युवा अब वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने जा रहे हैं। ये नवाचार में माहिर छात्र 29 और 30 मई को अमेरिका के डलास में आयोजित आईएसएफ ग्लोबल यूनिकॉर्न्स स्टार्टअप फेस्टिवल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
यंग टिंकर फाउंडेशन द्वारा छह महीने तक चले एक टैलेंट हंट के माध्यम से चुने गए इन छात्रों ने विज्ञान और तकनीक आधारित नवाचार प्रस्तुत किए हैं, जो रोजमर्रा की समस्याओं के समाधान प्रदान करते हैं।
चिरंजीवी और दिग्विजय, बालेश्वर जिले के सोरो के कक्षा 10 के छात्र हैं। इन्होंने वाईटीएसएटी 2.0 नामक एक डिवाइस बनाया है, जो हीलियम गुब्बारे के माध्यम से मिट्टी, पानी और हवा के आंकड़े जुटाकर किसानों को उनकी ज़मीन पर कौन सी फसल लाभदायक होगी, यह बताने में मदद करता है।
दिग्विजय साहू ने बताया कि यह एक एग्रीकल्चरल नैनो सैटेलाइट है जो उड़ान भरते ही ज़मीन की मिट्टी की गुणवत्ता, पोषक तत्वों और अन्य कारकों की जानकारी जुटाता है, जिसे एक ऐप के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।
कचरे से बनेगा इथेनॉल
कौशिक कर (सोरो) और श्रीधर जेना (ब्रह्मपुर) ने मिलकर एक पोर्टेबल मशीन बनाई है जो सब्जियों के छिलके, पत्तों और सूखे कचरे से इथेनॉल बना सकती है।
कौशिक ने कहा कि मैं रोज देखता था कि लोग घर का कचरा सड़क पर फेंक देते हैं। एक बार बालेश्वर में एक इथेनॉल प्लांट देखा, पर वो बहुत बड़े स्तर का था। तभी मुझे ख्याल आया कि क्यों न ऐसा छोटा प्लांट बनाया जाए जो किसी भी जगह काम कर सके।
ओडिशा के स्वाद को दुनिया तक पहुंचाएगा ‘मसाला जीपीटी’
पी. आदित्य दास और सौम्य सौरभ (ब्रह्मपुर) ने एक मशीन ‘मसाला जीपीटी’ बनाई है, जो घरेलू रसोई में उपयोग होने वाले खास मसाले को ऑटोमैटिक तरीके से तैयार करती है।
पी. आदित्य दास ने बताया कि हमारे घरों में जो मसाले बनते हैं उनका स्वाद बाजार के पैकेट वाले मसालों से बहुत अलग होता है। हमारा आविष्कार उस स्वाद को बनाए रखते हुए, मशीन के ज़रिए मसाले तैयार करने की सुविधा देता है।
नीमापड़ा के छात्र की सोलर कार ‘सोवाड़ी’
साई सत्यंम प्रधान (नीमापड़ा) ने ‘सोवाड़ी’ नामक एक सौर ऊर्जा से चलने वाली कार का मॉडल तैयार किया है, जिसमें लगे सोलर पैनल बिजली उत्पन्न करते हैं।
भुवनेश्वर से ‘ईडेन’ के साथ जग्यान
जग्यान मिश्रा, भुवनेश्वर से, ‘ईडेन’ नामक एक परिधान श्रृंखला और हस्तनिर्मित उपकरणों को प्रस्तुत करेंगे, जो उनके डिज़ाइन और कार्यशैली की उपयोगिता को दर्शाएंगे।
ओडिशा की प्रतिभा का वैश्विक मंच पर प्रदर्शन
यंग टिंकर फाउंडेशन के संस्थापक एवं सीईओ अनिल प्रधान ने मीडिया को बताया कि हमने 150 स्कूलों में 30,000 से अधिक छात्रों के बीच टैलेंट हंट आयोजित किया। इनमें से चुने गए ये आठ बच्चे वही हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी में देखी समस्याओं के लिए खुद समाधान बनाए। उन्होंने कहा कि अब ये छात्र अमेरिका के डलास में ओडिशा और भारत का नाम रोशन करेंगे। यह न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। इस ग्लोबल मंच के माध्यम से ओडिशा की जमीनी प्रतिभा विश्वपटल पर अपनी छाप छोड़ने जा रही है।