भुवनेश्वर। पूरी दुनिया में प्रसिद्ध श्रीजगन्नाथ के प्राकट्य, रथयात्रा, श्रीमंदिर के निर्माण, स्थापत्य कला, इतिहास, विविध वेशभूषा, भोग, नीतियों और दिनचर्या से संबंधित अब तक का सबसे व्यापक शोध ग्रंथ ‘रत्नभंडार ऑफ श्रीजगन्नाथ टेंपल’ का आज भुवनेश्वर के न्यू मैरियन सभाकक्ष में भव्य लोकार्पण समारोह संपन्न हुआ।
इस पुस्तक के लेखक वरिष्ठ श्रीजगन्नाथ संस्कृति शोधकर्ता डॉ भास्कर मिश्र और पूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सुशांत कुमार दास हैं। पुस्तक का लोकार्पण ओडिशा सरकार के संस्कृति विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मनोरंजन पाणिग्राही ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में ओडिशा के राज्य श्रम आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी, मुख्य वक्ता प्रो बसंत कुमार पंडा और अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
समारोह में वक्ताओं ने कहा कि यह पुस्तक श्रीजगन्नाथ उपासना के विभिन्न रहस्यमय पहलुओं और रत्नभंडार की वास्तविक स्थिति पर प्रमाणिक जानकारी उपलब्ध कराती है। यह ग्रंथ पूरी दुनिया के लिए एक उपयोगी स्रोत बनकर उभरेगा। लेखक डॉ. भास्कर मिश्रा ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए पुस्तक की विषयवस्तु पर विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत में भगवान श्रीजगन्नाथ की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया। सह-लेखक सुशांत कुमार दास ने पुस्तक में वर्णित महत्वपूर्ण तथ्यों और रत्नभंडार की वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ वक्ता देबेंद्र दास ने ध्यानमंत्र का पाठ किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन जगन्नाथ संस्कृति के जानकार डॉ. मृत्युंजय रथ ने किया।
समारोह के अंत में लेखक श्री सुशांत कुमार दास ने सभी अतिथियों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस लोकार्पण समारोह में राज्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार, शोधकर्ता, श्रीमंदिर सेवायत, मठाधीश, संगठक, प्रशासनिक अधिकारी और समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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