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ओडिशा में ‘ममता’ और ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ का विलय

  • अब बेटियों के जन्म पर मिलेंगे 12 हज़ार रुपये

भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने मातृत्व कल्याण को और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से राज्य की ‘ममता’ योजना को केंद्र सरकार की ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ (पीएमएमवीवाई) के साथ मिलाकर एकीकृत रूप में लागू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

इस विलय के बाद अब यह संयुक्त योजना ‘ममता–प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (ममता–पीएमएमवीवाई)’ के नाम से जानी जाएगी। इसके अंतर्गत अब बेटियों के जन्म पर मिलने वाली सहायता राशि को 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दिया गया है। वहीं बेटों के जन्म पर 10,000 रुपये की सहायता दी जाएगी।

पीवीटीजी समुदाय को मिलेगा पूरा लाभ

विशेष रूप से दुर्लभ जनजातीय समूह (पीवीटीजी) की महिलाओं को प्रत्येक जीवित संतान के जन्म पर लाभ मिलेगा। बेटा होने पर 10,000 रुपये और बेटी होने पर 12,000 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।

आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए बढ़ा प्रोत्साहन

योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में भूमिका निभाने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई है। अब कार्यकर्ताओं को 250 (पहले 200) और सहायिकाओं को 150 रुपये (पहले 100) मिलेंगे।

पांच वर्षों में 2,670 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, आगामी पांच वर्षों में इस संयुक्त योजना के कार्यान्वयन पर राज्य सरकार का लगभग ₹2,670 करोड़ का व्यय प्रस्तावित है।

अप्रैल 2025 से लागू होगी योजना

नवगठित ममता–पीएमएमवीवाई योजना को 1 अप्रैल 2025 से पूरे राज्य में लागू किया जाएगा। इसके तहत केंद्र सरकार की योजना की पात्रता शर्तें भी लागू रहेंगी।

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