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सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को उच्च शिक्षा में मिलेगा आरक्षण
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11.25 प्रतिशत आरक्षण को दी मंजूरी
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने राज्य के सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा में 11.25 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है। यह फैसला बुधवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। यह आरक्षण आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू किया जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह आरक्षण राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों तथा सहायता प्राप्त उच्चतर माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में समान रूप से लागू होगा। इसका उद्देश्य वंचित समुदायों के विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में बराबरी का अवसर देना है। इसके माध्यम से राज्य में उच्च शिक्षा में नामांकन की दर बढ़ने की संभावना है।
राज्य सरकार ने इस निर्णय को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूल सिद्धांतों के अनुरूप बताया है, जिसमें शिक्षा में समानता, समावेशन और अवसरों की समान उपलब्धता पर बल दिया गया है। इस निर्णय से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजनों और पूर्व सैनिकों के परिवारों से आने वाले विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सामाजिक न्याय की दिशा में एक ठोस कदम है। उन्होंने कहा कि पिछड़े वर्गों को उनका संवैधानिक अधिकार देना सरकार की प्राथमिकता रही है, जो अब तक की पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा उपेक्षित रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह निर्णय न केवल शिक्षा के क्षेत्र में समानता सुनिश्चित करेगा, बल्कि समाज के उन तबकों को भी आगे बढ़ने का अवसर देगा, जो वर्षों से हाशिये पर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार समाज के हर वर्ग के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह निर्णय उसी प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।