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भारतीय मौसम विभाग स्पष्ट की स्थिति
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कहा-23-28 मई तक संभावित सिस्टम पर नजर
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बंगाल की खाड़ी में कोई चक्रवाती प्रणाली सक्रिय नहीं
भुवनेश्वर। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को स्पष्ट किया है कि वर्तमान में ओडिशा या बंगाल की खाड़ी में किसी चक्रवात के बनने की कोई पुष्टि नहीं हुई है। विभाग ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया है जिनमें 23 से 28 मई के बीच ‘चक्रवात शक्ति’ के आने की अटकलें लगाई गई थीं। मौसम विभाग ने कहा है कि ऐसी खबरें भ्रामक हैं और इनसे जनता में अनावश्यक घबराहट फैल सकती है।
मौसम विभाग ने बताया कि फिलहाल बंगाल की खाड़ी में कोई ऐसा मौसमी तंत्र सक्रिय नहीं है जो चक्रवात बनने का संकेत दे। हालांकि, मौसम वैज्ञानिक लगातार निम्न दबाव वाले क्षेत्र और उसके विकास पर नजर बनाए हुए हैं। लेकिन अभी तक ऐसा कोई निर्णायक संकेत नहीं मिला है जिससे यह कहा जा सके कि 23 से 28 मई के बीच चक्रवात बनेगा।
नामकरण हो सकता है ‘चक्रवात शक्ति’
कुछ मौसम पूर्वानुमानों में संभावना जताई जा रही है कि 16 से 22 मई के बीच बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र बन सकता है, जो अगर अनुकूल परिस्थितियां बनीं, तो 23 से 28 मई के बीच चक्रवात में बदल सकता है। अगर यह प्रणाली चक्रवात में परिवर्तित होती है, तो इसका नाम ‘चक्रवात शक्ति’ हो सकता है। हालांकि, इसकी पुष्टि मौसम विभाग ने नहीं की है।
ओडिशा व पश्चिम बंगाल को लेकर कोई चेतावनी नहीं
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि ओडिशा या पश्चिम बंगाल के किसी भी तटीय हिस्से के लिए अभी तक कोई चक्रवातीय चेतावनी जारी नहीं की गई है। लोगों से अपील की गई है कि वे केवल आधिकारिक बुलेटिन और स्रोतों पर ही भरोसा करें और सोशल मीडिया या मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर भ्रमित न हों।
ओडिशा में आंधी-बारिश की संभावना
ओडिशा में इस समय जबरदस्त गर्मी का प्रकोप बना हुआ है। मौसम विभाग ने बताया कि इस गर्मी के दौर के बीच कुछ इलाकों में आंधी-बारिश की गतिविधियां हो सकती हैं। विशेष रूप से आंतरिक और तटीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है।
दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत
इसी के साथ मौसम विभाग ने यह भी पुष्टि की है कि भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की आधिकारिक शुरुआत हो चुकी है। मानसून ने दक्षिण बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीप समूह, दक्षिण अंडमान सागर और उत्तर अंडमान सागर के कुछ हिस्सों में दस्तक दे दी है। अब इसकी प्रगति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
देश के अन्य हिस्सों में मौसमी गतिविधियां तेज
देश के कई हिस्सों में इस समय विभिन्न चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय हैं। अंडमान सागर के ऊपर 1.5 किमी से लेकर 7.6 किमी ऊंचाई तक चक्रवाती परिसंचरण देखा जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश, पश्चिम राजस्थान और पूर्वोत्तर भारत के असम क्षेत्र में भी चक्रवाती गतिविधियां दर्ज की गई हैं, जिससे इन क्षेत्रों में बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारों की संभावना है।
मौसम विभाग ने कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़ और उत्तर-पूर्वी राज्यों में भी आगामी दिनों में बारिश और आंधी के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।