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332 करोड़ की योजना अमृत भारत योजना के तहत मंजूर
भुवनेश्वर। ओडिशा के पश्चिमी जिलों में रेलवे बुनियादी ढांचे के व्यापक विकास के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा कदम उठाया है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 332 करोड़ रुपये की लागत से 22 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा। यह परियोजना संबलपुर, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़, बरगढ़, बलांगीर और कलाहांडी जिलों में लागू की जा रही है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, इस योजना का उद्देश्य इन स्टेशनों को न केवल आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और पर्यावरण के अनुकूल ढांचे को भी प्राथमिकता देना है।
प्रमुख स्टेशनों को मिला विशेष आवंटन
इस परियोजना में संबलपुर स्टेशन के पुनर्विकास के लिए 23.76 करोड़ रुपये, झारसुगुड़ा स्टेशन के लिए 18.77 करोड़, जबकि टिटिलागढ़ स्टेशन के लिए 35.79 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा केसिंगा, हीराकुद, कांटांबांजी, बरगढ़ रोड, बलांगीर और भवानीपाटना जैसे प्रमुख स्टेशनों को भी पर्याप्त बजट प्रदान किया गया है।
यात्री सुविधाओं में होगा बड़ा सुधार
स्टेशनों की इमारतें फिर से डिजाइन की जाएंगी और प्लेटफॉर्म को चौड़ा व ऊंचा किया जाएगा। यात्रियों को बेहतर टिकटिंग सुविधा, आधुनिक प्रतीक्षालय, स्वच्छ शौचालय और दिव्यांगों के लिए विशेष रैंप व लिफ्ट की सुविधा मिलेगी। टिटिलागढ़ और हरिशंकर रोड जैसे स्टेशनों पर दूसरा प्रवेश द्वार भी तैयार किया जाएगा ताकि भीड़ प्रबंधन बेहतर हो सके।
पर्यावरण के प्रति संवेदनशील होगा ढांचा
इस परियोजना में सोलर पैनल, वर्षा जल संचयन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली जैसे उपाय शामिल किए गए हैं। बलांगीर और मुनीगुडा स्टेशनों पर ग्रीन बिल्डिंग तकनीक को अपनाया जाएगा।
सुरक्षा और स्मार्ट तकनीक पर जोर
हर स्टेशन पर सीसीटीवी निगरानी, बेहतर रोशनी व्यवस्था और सुरक्षा उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। यात्रियों के लिए हाई-स्पीड वाई-फाई, डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड, जीपीएस घड़ी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
पर्यटन और स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह परियोजना पश्चिम ओडिशा में पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने में सहायक होगी। हीराकुद बांध, हरिशंकर मंदिर और अन्य धार्मिक व प्राकृतिक स्थलों तक पहुंच आसान होगी, जिससे क्षेत्र में रोजगार और व्यापारिक अवसर भी बढ़ेंगे।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह कार्य चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा और आने वाले वर्षों में ओडिशा के सभी प्रमुख स्टेशनों को आधुनिक स्वरूप में बदला जाएगा।