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देश की महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की सुरक्षा के मद्देनज़र एहतियाती उपाय के तहत लिया गया निर्णय
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अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी पाबंदी
संबलपुर। ओडिशा के हीराकुद बांध की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बांध परिसर में पर्यटकों के प्रवेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह निर्णय देश की महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों की सुरक्षा के मद्देनज़र एहतियाती उपाय के तहत लिया गया है और अगले आदेश तक प्रभावी रहेगा। संबलपुर जिला प्रशासन ने राज्य और केंद्र की सुरक्षा एजेंसियों के सहयोग से एशिया के सबसे लंबे मिट्टी के बांध हीराकुद बांध पर उन्नत निगरानी और कड़ी सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए हैं। यह बांध न केवल ओडिशा के सिंचाई और जलविद्युत उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि बाढ़ नियंत्रण प्रणाली का भी अभिन्न हिस्सा है।
सुरक्षा उपायों के तहत अब बांध पर तैनात जवानों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस किया गया है, जिसमें लाइट मशीन गन और उच्च क्षमता वाली राइफलें शामिल हैं। निगरानी उपकरणों को भी उन्नत किया गया है ताकि बांध क्षेत्र में 24×7 सतर्कता बनी रहे और किसी भी घुसपैठ या विध्वंसकारी गतिविधि की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।
बांध की ऐतिहासिक और प्राकृतिक सुंदरता के कारण पर्यटकों की आवाजाही सामान्य रही है, लेकिन अब इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। पुलिस को सभी प्रमुख प्रवेश बिंदुओं पर तैनात किया गया है और जनता से सहयोग की अपील करते हुए सूचनाएं जारी की गई हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह से सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय हित में लिया गया है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल किसी विशिष्ट खतरे की सूचना नहीं है, लेकिन यह कदम राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं की सुरक्षा के लिए चल रहे व्यापक प्रयासों के तहत उठाया गया है।
स्थानीय लोगों ने भी बांध की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है और एयर डिफेंस सिस्टम जैसी अतिरिक्त व्यवस्थाओं की मांग की है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध अस्थायी है और समय-समय पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के आधार पर इसमें संशोधन किया जाएगा।
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