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पुरी हवाई अड्डे की पूर्व-तैयारी कार्यों में तेजी लाने का मुख्यमंत्री का निर्देश
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ओडिशा में विमानन आधारभूत ढांचे को मिलेगा विश्वस्तरीय स्वरूप – मोहन माझी
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार राज्य में विमानन क्षेत्र को मजबूत और विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने लोकसेवा भवन में “विमानन और नेटवर्क निर्माण प्रबंधन” पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
मुख्यमंत्री ने पारादीप में एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे की स्थापना तथा पुरी में श्रीजगन्नाथ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (एसजेआईए) के लिए पूर्व-तैयारी कार्यों में तेजी लाने का निर्देश दिया। इसके अलावा राउरकेला हवाई अड्डे के उन्नयन और राज्य के अन्य प्रमुख हवाईअड्डों—जैसे जयपुर, दांडबोश, रंगइलुंडा, गोतम, सतीभाटा, रायसुंआ, तुषरा, जमादारपाली, मालकानगिरि, अमरडा रोड और उत्केला, के विकास पर भी जोर दिया गया।
हेलीपोर्ट निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग नोडल एजेंसी
राज्य के 15 जिलों में हेलीपोर्ट निर्माण की योजना पर भी चर्चा हुई, जिससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। ढेंकानाल के बिराशोल स्थित एयरस्ट्रिप पर बिजू पटनायक विमानन केंद्र के विकास को भी प्राथमिकता दी गई है। इस विकास कार्य के लिए लोक निर्माण विभाग को नोडल एजेंसी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी गई है।
ओडिशा बनेगा वैश्विक विमानन केंद्र
मुख्यमंत्री माझी ने हवाई अड्डों, हेलीपैड और ड्रोन हब्स की स्थापना कर ओडिशा को एक वैश्विक विमानन केंद्र बनाने के दृष्टिकोण से योजना बनाने पर जोर दिया। उन्होंने मौजूदा हवाई अड्डों की कार्य दक्षता और आधुनिकीकरण को भी आवश्यक बताया।
बैठक में विमानन निदेशालय के पुनर्गठन, राष्ट्रीय हवाई अड्डों के उन्नयन, उड़ान कनेक्टिविटी बढ़ाने तथा कुशल मानव संसाधन के विकास पर भी चर्चा की गई।
इस बैठक में वाणिज्य एवं परिवहन मंत्री विभूति भूषण जेना, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त श्रीमती अनु गर्ग, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त सचिव निकुंज बिहारी ढल, उद्योग विभाग के सचिव हेमंत शर्मा, परिवहन विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती उषा पाढ़ी, वित्त सचिव शाश्वत मिश्र, लोक निर्माण विभाग के सचिव वीर विक्रम यादव, इपिकल के एमडी भूपिंदर सिंह पुनिया और सिविल एविएशन निदेशक श्रीमती देवदत्त सुरंजिता जेना की उपस्थिति रही।