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प्रतिमा स्थापना और जन्मदिन पर अवकाश की मांग
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मधु बाबू को उचित सम्मान दिलाने के लिए ओडिशा के वकीलों की लड़ाई जारी
भुवनेश्वर। आधुनिक ओडिशा के निर्माता और पिता कहे जाने वाले मधुसूदन दास को उचित सम्मान दिलाने के लिए ओडिशा के वकील लगातार संघर्ष कर रहे हैं। वकीलों की लंबे समय से मांग है कि मधु बाबू को मरणोपरांत भारत रत्न सम्मान प्रदान किया जाए। इसके साथ ही संसद भवन परिसर में उनकी प्रतिमा स्थापित करने, उनके नाम पर ‘उत्कल गौरव मधुसूदन दास’ के नाम से एक ट्रेन चलाने, उनके जन्मदिन को सरकारी अवकाश घोषित करने और अदालत के पास सड़क का नामकरण उनके नाम पर करने की भी मांग की जा रही है।
इस उद्देश्य के लिए वकील हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं और अब तक 21 राज्यों से समर्थन जुटा चुके हैं। हस्ताक्षर पंजाब, झारखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश, बेंगलुरु, कोलकाता, आंध्र प्रदेश, गोवा, चेन्नई, असम, मिजोरम, सिक्किम, नई दिल्ली और त्रिपुरा जैसे राज्यों और शहरों से एकत्र किए गए हैं। ओडिशा हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट परिसर से भी वकीलों का समर्थन मिला है।
इस अभियान का नेतृत्व कर रहे मंच के संयोजक वकील लिंगराज साहू को शनिवार को भुवनेश्वर बार में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता भुवनेश्वर बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव दीपक दाश ने की। वरिष्ठ वकील शिवानंद राय, भुवनेश्वर बार एसोसिएशन के सचिव सत्य रंजन नायक, पूर्व संयुक्त सचिव अशोक कुमार और निहार रंजन सेठी ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
मंच का कहना है कि मधुसूदन दास के योगदान के लिए कोई भी सम्मान पर्याप्त नहीं हो सकता, लेकिन उन्हें न्याय दिलाने की यह लड़ाई जारी रहेगी।