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17 दिन पूर्व समाप्त हुआ ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र

  • विपक्षी भाजपा ने किया वाकआउट

भुवनेश्वर – ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से 17 दिन पूर्व ही समाप्त कर दिया गया। गुरुवार शाम को विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि सदन के समक्ष कोई बिजनेस न होने के कारण इसे अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जा रहा है। विपक्षी भाजपा विधायकों ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कुछ बोलना चाहा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें बोलने की अनुमति न देने के कारण उन्होंने वाक आउट किया। उल्लेखनीय है कि गत 13 नवंबर से शुरु हुए विधानसभा का शीतकालीन सत्र आगामी 19 दिसंबर को समाप्त होना था। इसमें कुल 30 कार्यदिवस थे, लेकिन सत्र केवल 13 दिनों तक चला। इसमें 12 सरकारी कार्यदिवस थे, जबकि 1 गैर सरकारी कार्यदिवस था। इस सत्र आर्थिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण था क्योंकि इसमें 2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए पूरक बजट को पारित किया गया ।

राज्य सरकार जनसमस्याओं से घबरा कर बदनाम होने के भय से विधानसभा को किया बंद – भाजपा

 ओडिशा विधानसभा का शीतकालीन सत्र को अपने निर्धारित तिथि से 17 दिन पूर्व समाप्त किये जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी नेभी राज्य सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण व प्रदेश की जनता के साथ धोखा बताया है। विपक्ष के उप नेता विष्णु चरण सेठी ने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य की जनता का सामना करने में नाकाम राज्य सरकार बदनामी के भय से सदन को तय तिथि से 17 दिन पूर्व समाप्त कर दिया है । उन्होंने कहा कि इस सत्र के प्रारंभ से ही साधारण लोगों के मुद्दों को भाजपा विधायकों ने लगातार उठाते आ रहे थे। जाजपुर के महिला कर्मचाकी की दुष्कर्म व हत्या मामले में राज्य सरकार कठघरे में आने के कारण सत्तारुढ़ बीजद कांग्रेस के साथ मिल कर इस मामले पर चर्चा कराने नहीं दिया, लेकिन इसके बाद भी भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया। राज्य में महिलाओं के साथ बढ़ रहे दुष्कर्म व अन्य मामलों में भाजपा ने सदन में सरकार को घेरा। राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता की खबरें रोज आ रही हैं, जो इसकी पात्रता रखते हैं उन्हें आवास मिलने के बजाय सत्तारुढ़ पार्टी के धनी लोगों को आवास योजना का लाभ दिया जा रहा हैं। इस मुद्दे पर भी राज्य सरकार घिरी थी, इसके अलावा राज्य में बदहाल स्वास्थ्य व शिक्षा की स्थिति, किसानों की समस्या  आदि मुद्दों को लेकर सरकार कठघरे में आ चुकी थी । उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मंत्री महिला अतिथि को सरकारी खर्चे से हैदराबाद लेकर जाने के मुद्दे में भी राज्य सरकार की किरकिरी हुई। सभी प्रमाण होने के बाद भी राज्य सरकार ने उन्हें क्लिन चिट दी।  बीजद सरकार इन  मुद्दों से बचने के लिए ही निर्धारित समय से पूर्व सदन को बंद कर दिया है । इस पत्रकार सम्मेलन में विधायक मुकेश महालिंग, कुसुम टेटे व भाजपा युवामोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष टंकधर त्रिपाठी उपस्थित थे।

विधानसभा को मननाने तरीके से नहीं किया जा रहा है बंद – बीजद

 विधानसभा को मनमाने तरीके सें बंद किये जाने के संबंध में विपक्षी पार्टियों द्वारा लगाये जा रहे आरोपों का बीजू जनता दल ने खंडन किया है।भाजपा व कांग्रेस द्वारा इस संबंध में आरोपों के संबध में पूछे गये सवाल पर बीजद के मुख्य सचेतक प्रमिला मलिक ने कहा कि सत्र के दौरान विधानसभा के सामने बिजनेस न होने के कारण यह कदम उठाया गया है । उन्होंने कहा कि इसमें किसी प्रकार का नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का नियम है कि यदि सदन के सामने कोई बिजनेश न हो तो सरकार विधानसभा के बैठकों के कार्यदिवस को कम कर सकती है। इसलिए जो कुछ भी हुआ है वह नियमानुसार हुआ है । विपक्षियों का आरोप निराधार है । 

 

 

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