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मोहन माझी का शासन सचिवालय से निकलकर जनता की चौखट पर पहुंचा

  •  संबलपुर में हुई ऐतिहासिक जनसुवाई

  •  ओडिशा गठन के बाद पहली बार राज्य सरकार ने की ऐसी सुनवाई

  •  मुख्यमंत्री ने सरकार और जनता के बीच भरोसे की एक नई इबारत भी लिखी

मुख्य बातें संक्षेप में

  •  मुख्यमंत्री माझी और 10 मंत्री सहित पूरा प्रशासन रहा मौजूद

  •  कुल 1400 शिकायतों की सुनवाई

  •  18 गंभीर बीमार रोगियों को 19.5 लाख रुपये की सहायता

  •  मौके पर समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम और मेडिकल टीम

  • हर शिकायतकर्ता के चेहरे पर संतोष और विश्वास की झलक

  •  मुख्यमंत्री द्वारा संचालित यह 10वीं जनसुनवाई पाली थी

  •  अब तक भुवनेश्वर में हो चुकी है 9 जनसुनवाई

भुवनेश्वर/संबलपुर। ओडिशा के इतिहास में पहली बार ऐसा दृश्य सामने आया जब राजधानी भुवनेश्वर से निकलकर पूरी राज्य सरकार आमजन की समस्याएं सुनने सीधे जनता के बीच पहुँची। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी के नेतृत्व में 10 मंत्रियों, वरिष्ठ सचिवों और अधिकारियों की टीम ने सोमवार को संबलपुर में जनसुनवाई कर न सिर्फ लोकतंत्र की आत्मा को सजीव किया, बल्कि शासन और जनता के बीच भरोसे की एक नई इबारत भी लिखी।
आज पूरा राज्य प्रशासन इस दिन संबलपुर नगर निगम कार्यालय परिसर में उपस्थित था। सुबह 8 बजे से ही लोगों की भारी भीड़ परिसर में जुटने लगी थी। खुद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी लोगों की समस्याएं सुनने पहुंचे थे। यह सरकार की ओर से अभूतपूर्व पहल थी, जिसमें संपूर्ण शासन व्यवस्था को राजधानी से संबलपुर स्थानांतरित किया गया। सिर्फ और सिर्फ जनता की शिकायतें सुनने और उन्हें त्वरित समाधान देने के लिए।
दोनों उपमुख्यमंत्री की उपस्थिति भी रही
इस जनसुनवाई में उप-मुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंहदेव, राजस्व मंत्री सुरेश पुजारी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ मुकेश महालिंग, गृह मंत्री डॉ कृष्णचंद्र महापात्र, पर्यावरण मंत्री गणेश राम सिंह खुंटिया, पंचायत मंत्री रवि नारायण नायक, खाद्य मंत्री कृष्णचंद्र पात्र, उद्योग मंत्री सम्पद चंद्र स्वाईं, इस्पात मंत्री विभूति भूषण जेना, शिक्षा मंत्री नित्यनंद गोंड, संस्कृति मंत्री सूर्यवंशी सूरज समेत अन्य वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे।


अधिकारियों का दल भी रहा सक्रिय
गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सत्यव्रत साहू, जनशिकायत विभाग के एसीएस सुरेन्द्र कुमार, राजस्व विभाग के एसीएस देव रंजन कुमार सिंह और अन्य विभागों के वरिष्ठ सचिव स्तर के अधिकारी भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे और शिकायतों के निपटारे में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
पहले टीम माझी ने किया मां समलेश्वरी का दर्शन
इससे पहले रविवार शाम ही मुख्यमंत्री माझी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य संबलपुर पहुँचे और मां समलेश्वरी के दर्शन कर राज्यवासियों के कल्याण की प्रार्थना की। सोमवार को जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इसे ओडिशा और लोकतंत्र दोनों के लिए शुभ और ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से प्रेरित है, जिन्होंने इस जनसुनवाई की सराहना भी की है।
“जनता का दुख सुनने आई जनता की सरकार”
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने आमजन की पीड़ा के प्रति उदासीन रवैया अपनाया था। लेकिन अब राज्य सरकार का उद्देश्य सिर्फ विकास नहीं, बल्कि गरीब और असहाय वर्ग के दुःख-दर्द को भी प्राथमिकता देना है। उन्होंने ऐलान किया कि ऐसे जनसुनवाई कार्यक्रम राज्य के अन्य भागों में भी आयोजित किए जाएंगे। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी शिकायतों का समय पर समाधान किया जाए।
1400 लोगों की शिकायतें, 88% का पहले ही निपटान
मुख्यमंत्री द्वारा संचालित यह 10वीं जनसुनवाई पाली थी। अब तक भुवनेश्वर में 9 जनसुनवाई हो चुकी हैं, जिनमें प्राप्त 9,377 शिकायतों में से 88% का समाधान किया जा चुका है। संबलपुर में 1,400 लोगों की शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें 1000 ऑनलाइन और 400 ऑफलाइन माध्यम से आईं।
सिंगल विंडो से 19.50 लाख की चिकित्सा सहायता
गंभीर और असाध्य बीमारियों से पीड़ित 18 व्यक्तियों को मुख्यमंत्री राहत कोष से सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से त्वरित 19 लाख 50 हजार रुपये की सहायता दी गई। इस प्रणाली को प्रभावी बनाने के लिए शिकायत प्रकोष्ठ में एक विशेष मेडिकल टीम भी नियुक्त की गई थी।
हर शिकायत को गंभीरता से लिया गया, तत्काल कार्रवाई
जनता की हर प्रकार की समस्याएं, पेंशन, जलसंवर्धन, चिकित्सा, जमीन विवाद आदि सुनी गईं। जहां आवश्यक था, वहां टेलीफोन के माध्यम से संबंधित विभागों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
उदाहरणस्वरूप, संबलपुर की दीप्तिरानी पाढ़ी पेंशन संबंधी शिकायत लेकर पहुंचीं। मुख्यमंत्री ने तत्काल विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई का निर्देश दिया। बरगढ़ जिले के डुंगुरीबाहल गांव के कुछ लोग जलसंचारण सुविधा की मांग लेकर आए। मुख्यमंत्री ने तुरंत जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को इस पर कार्रवाई का आदेश दिया।
भरोसा और आत्मसंतोष के साथ लौटे लोग
इस पूरे आयोजन का सबसे सशक्त दृश्य वह था, जब शिकायत प्रकोष्ठ से लौटते लोगों के चेहरे पर राहत, आत्मसंतोष और भरोसे की झलक साफ दिख रही थी। पहली बार उन्हें यह एहसास हुआ कि सरकार सच में उनकी है — जो न सिर्फ सुनती है, बल्कि समाधान भी देती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशंसा की
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हमारे इस जन सुनवाई कार्यक्रम की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन ने हमें जनता के और भी निकट जाने के लिए प्रेरित किया है।
पिछली सरकार पर हमला बोला
इस दौरान उन्होंने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य है राज्य के समग्र विकास के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए गरीब और असहाय लोगों के दुख-दर्द को सुनना, ताकि उन्हें कभी ऐसा महसूस न हो कि उनके दुःख-दर्द को सुनने वाला कोई नहीं है। पूर्ववर्ती सरकारें इस ओर उदासीन रवैया अपनाती थीं। लेकिन हमने निर्णय लिया है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। आज यह संबलपुर में हुआ और आने वाले दिनों में यह राज्य के अन्य स्थानों पर भी होगा।
अधिकारीगण रहेंगे तत्पर
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि इस क्षेत्रीय जन सुनवाई कार्यक्रम के माध्यम से अधिकारीगण अपने स्तर पर ही, जहां तक संभव हो, जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्पर रहेंगे। वे जनता की मूलभूत समस्याओं के समाधान के प्रति अधिक जागरूक होंगे। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी शिकायतों का शीघ्र समाधान हो, इसके लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं।

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