भुवनेश्वर. नयागढ़ जिले में महानदी के गर्भ में मिले पांच सौ साल पुराने मंदिर का जिर्णोद्धार किये जाने के साथ-साथ उसे अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण करने के लिए भारतीय पुरातात्विक संस्था के अधिकारियों को निर्देश देने के लिए केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल व्यक्तिगत रुप से हस्तक्षेप करें. केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने केन्द्रीय संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल को पत्र लिखकर यह अनुरोध किया है. इस पत्र में प्रधान ने कहा है कि नयागढ़ जिले में महानदी में पांच सौ साल पुराना गोपीनाथ मंदिर फिर से दिखा है. इंटेक की ओर से इस मंदिर का परीक्षण किया गया है और इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है. नदी के गर्भ में लीन होने वाले इस मंदिर को नयागढ़ के पास पद्मावती गांव के पास देखा गया है. 55 से 60 फीट जलमग्न इस मंदिर के निर्माण का कार्य व इसमें इस्तमाल किये गये सामग्री को ध्यान में रखने पर यह सन् 15 सौ से 16 सौ के बीच होने का पता चल रहा है. 1933 में यह मंदिर बाढ़ में महानदी के गर्भ में लीन हो जाने का आकलन किया गया है. इस परिप्रेक्ष्य में इस मंदिर के अज्ञात इतिहास, संस्कृति व धार्मिक महत्व को ध्यान में रखकर इस मंदिर के जीर्णोद्धार के साथ-साथ इसे सुरक्षित स्थान पर लिया जाना आवश्यक है. इस दिशा में आवश्यकीय निर्देश देने के साथ-साथ व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने के लिए प्रधान ने पटेल को लिखे पत्र में अनुरोध किया है.
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