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नकली किन्नर ने किया था किडनैप, असली किन्नरों की टीम ने किया रेस्क्यू
बारिपदा/भुवनेश्वर। मयूरभंज ज़िले के ठाकुरमुंडा बाज़ार में एक स्थानीय मेले के दौरान चार साल की बच्ची को एक व्यक्ति द्वारा अगवा कर लिया गया, जो खुद को किन्नर बताकर पहचान छुपा रहा था। यह चौंकाने वाली घटना शुक्रवार को उस समय सामने आई, जब महलारपड़ा गांव की एक महिला ने अपनी बच्ची को मेले की भीड़ में कुछ देर के लिए एक किन्नर के पास छोड़ा था। जब वह लौटी तो न बच्ची वहां थी और न ही वह किन्नर।
घबराई महिला ने तुरंत ठाकुरमुंडा थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू किए। बच्ची की मां ने बताया कि जिसने बच्ची को साथ लिया, वह गुलाबी साड़ी पहने हुए था और उसकी गर्दन पर तीन सितारों का टैटू था।
किन्नर महासंघ की तत्परता से बची बच्ची
ठाकुरमुंडा पुलिस ने पूरे मयूरभंज और आस-पास के ज़िलों में किन्नर समुदाय को सतर्क किया और मामले में सहयोग मांगा। इस दौरान ऑल ओडिशा किन्नर महासंघ की महासचिव काजल किन्नर को ठाकुरमुंडा थाने के आईआईसी ने फोन कर मदद की अपील की। किन्नर महासंघ की टीम ने तुरंत तलाश शुरू कर दी और जाजपुर रोड क्षेत्र में अलग-अलग गलियों में बच्ची की खोज में लग गई।
शनिवार तड़के सूचना मिली कि एक व्यक्ति, जो किन्नर का रूप धरकर बच्ची को लेकर भागा था, अब उसे जाजपुर से कहीं और ले जाने की तैयारी में है। किन्नर महासंघ की टीम ने तत्परता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर बच्ची को सुरक्षित बचा लिया और जाजपुर रोड व ठाकुरमुंडा पुलिस को सूचित कर बच्ची को सौंप दिया।
काजल किन्नर ने की सख्त कार्रवाई की मांग
काजल किन्नर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस प्रकार के लोग किन्नर समुदाय की छवि को खराब करते हैं। हमने खुद अपनी पहचान और सम्मान की रक्षा करते हुए बच्ची को ढूंढ़ निकाला। पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
आरोपी ने बताई मासूमियत की कहानी
पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की पहचान लिपु नायक के रूप में हुई है, जिसने खुद को निर्दोष बताया है। उसका दावा है कि बच्ची को वह मां बसुलेई मेले में खोया हुआ समझकर अपने साथ ले गया था और उसे उसके परिवार से मिलाने की कोशिश कर रहा था। हालांकि, पुलिस इस दावे को गंभीरता से जांच रही है।
बच्ची परिवार के सुपुर्द, जांच जारी
ठाकुरमुंडा पुलिस ने बच्ची की मां स्मृति पात्र की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और विस्तृत जांच शुरू कर दी है। बच्ची को सकुशल परिजनों को सौंप दिया गया है।
यह घटना न सिर्फ बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे समाज के कुछ लोग किन्नर जैसी संवेदनशील पहचान का दुरुपयोग कर रहे हैं। वहीं, असली किन्नर समुदाय की सजगता और सहयोग ने एक बड़ी अनहोनी को टाल दिया।