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भुवनेश्वर में अवैध निर्माण पर ओरेरा ने की सख्ती

  • रीयल एस्टेट ने हर्षप्रिया नीलाचल कंपनी पर की कार्रवाई

  • ईस्ट कोस्ट रेलवे की जमीन पर बिना अनुमति के सड़क निर्माण का आरोप

  • दो आवासीय परियोजनाएं शुरू करने की दोषी पाई गई कंपनी

  • एचएन कोर्टयार्ड और महालक्ष्मी निवास नामक परियोजनाओं से जुड़े बैंक खाते फ्रीज

भुवनेश्वर। ओडिशा रीयल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (ओरेरा) ने भुवनेश्वर में एक रीयल एस्टेट कंपनी हर्षप्रिया नीलाचल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। यह कंपनी ईस्ट कोस्ट रेलवे की जमीन पर बिना अनुमति के सड़क निर्माण और दो आवासीय परियोजनाएं शुरू करने की दोषी पाई गई है।

इसके साथ ही ओरेरा ने कंपनी की एचएन कोर्टयार्ड और महालक्ष्मी निवास नामक परियोजनाओं से जुड़े बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। इसके साथ ही एचएन कोर्टयार्ड प्रोजेक्ट का पंजीकरण भी रद्द कर दिया गया है।

अविक्रीत फ्लैटों की बिक्री पर भी रोक

महालक्ष्मी निवास परियोजना के अविक्रीत फ्लैटों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है। यह कदम ओरेरा की ओर से रीयल एस्टेट क्षेत्र में कानूनी मानकों को सख्ती से लागू करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नियमों की अनदेखी 

ओरेरा की नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एचएन कोर्टयार्ड परियोजना के लिए रेलवे की 30 फीट चौड़ी और 600 मीटर लंबी जमीन को अप्रोच रोड के रूप में उपयोग करने की अनुमति मांगी गई थी, जिसके जवाब में प्रमोटर ने 30 नवंबर 2024 को लिखा कि यह एक सार्वजनिक सड़क है जिसे भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) द्वारा मेंटेन किया जाता है। लेकिन रेलवे से प्राप्त स्पष्टीकरण के अनुसार यह जवाब अस्वीकार्य पाया गया।

नोटिस के बावजूद जवाब नहीं 

1 जनवरी 2025 को प्रमोटर को नोटिस भेजी गयी थी कि वह 27 जनवरी को ओरेरा के समक्ष उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करे। हालांकि, उस दिन प्रमोटर के वकील ने एक महीने का समय मांगा, लेकिन उसके बाद कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया।

घर खरीदारों को नहीं हुआ नुकसान 

ओरेरा ने यह भी बताया कि 31 दिसंबर 2024 तक की तिमाही रिपोर्ट के अनुसार परियोजना में अब तक केवल 10% साइट डेवलपमेंट हुआ है और किसी भी खरीदार द्वारा बुकिंग नहीं की गई है। ऐसे में पंजीकरण रद्द करने का यह निर्णय घर खरीदारों के हित में है।

नियमन और पारदर्शिता की दिशा में कदम 

ओरेरा की यह सख्त कार्रवाई ओडिशा में रीयल एस्टेट गतिविधियों को पारदर्शी और कानून-संगत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह संकेत है कि अवैध निर्माण और नियमों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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