Home / Odisha / बीजद नेता के बयान से नवीन पटनायक की साख पर आंच, झूठा कहा
CM Naveen Patnaik

बीजद नेता के बयान से नवीन पटनायक की साख पर आंच, झूठा कहा

  • प्रभात त्रिपाठी के पलटवार से पार्टी अध्यक्ष की प्रतिष्ठा दांव पर

  • क्या पांडियन के लिए ढाल बनने से फंसे नवीन पटनायक?

भुवनेश्वर। बीजू जनता दल (बीजद) में वक्फ विधेयक पर मतदान के बाद उठा विवाद अब सीधे पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक की साख पर आ खड़ा हुआ है। जहां एक ओर उन्होंने अपने पूर्व प्रमुख सचिव और ‘दूसरे पावर सेंटर’ माने जाने वाले वीके पांडियन के पक्ष में खुलकर बयान दिया, वहीं दूसरी ओर पूर्व विधायक प्रभात त्रिपाठी को कठघरे में खड़ा कर दिया। लेकिन त्रिपाठी ने भी चुप नहीं रहकर पलटवार किया और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नवीन पर झूठ बोलने का आरोप लगाकर सियासी बवंडर को और तेज़ कर दिया है।
त्रिपाठी का सीधा हमला नवीन पटनायक पर हुआ, जिसमें उन्होंने दावा किया कि उन्हें पार्टी से निष्कासित नहीं किया गया था बल्कि केवल कुछ दिनों के लिए निलंबित किया गया था। उन्होंने कहा कि 2024 के आम चुनाव में उन्होंने बीजद के लिए प्रचार भी किया और कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। उन्होंने यहां तक कहा कि पार्टी की ओर से निलंबन हटाए जाने का पत्र भी उनके पास है, जिसे नवीन अब नकार रहे हैं।
नवीन ने क्या कहा था?
पार्टी में उभरे असंतोष के बीच नवीन पटनायक ने अपने बयान में कहा कि प्रभात त्रिपाठी को चिटफंड मामले में लिप्त पाए जाने के कारण बीजद से वर्षों पहले निष्कासित कर दिया गया था और उनका अब पार्टी से कोई संबंध नहीं है। वक्फ विधेयक पर मतदान के बाद बीजू जनता दल के भीतर उठे असंतोष और अंदरूनी टकराव के बीच पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक ने बुधवार को स्पष्ट रूप से वीके पांडियन का बचाव किया और पार्टी के मामलों से उनके किसी भी तरह के जुड़ाव से इनकार किया।
अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए पटनायक ने कहा कि मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि वीके पांडियन ने अतीत में राज्य ही नहीं, बल्कि पार्टी के लिए भी कई अच्छे कार्य किए हैं। उन्हें किसी भी मामले में दोष देना या आलोचना करना अनुचित है। वह दस महीने पहले ही पार्टी से अलग हो चुके हैं और अब किसी भी पार्टी कार्य से उनका कोई संबंध नहीं है।
पलटवार में त्रिपाठी ने नवीन को झूठा कहा
प्रभात त्रिपाठी ने नवीन पटनायक के इस बयान को झूठा और भ्रामक बताया। उन्होंने कहा कि वक्फ विधेयक जैसे गंभीर मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने एक पत्र दिखाते हुए यह भी आरोप लगाया कि पार्टी की ओर से निलंबन हटाने की बात को नवीन पटनायक झुठला रहे हैं। त्रिपाठी ने चिटफंड मामले पर भी सफाई दी। उन्होंने कहा कि मुझे चिटफंड मामले में सस्पेंड किया गया बताया जा रहा है, जबकि यह मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है और मुझे किसी अदालत ने दोषी नहीं ठहराया है।
पांडियन को लेकर क्या बोले त्रिपाठी?
प्रभात त्रिपाठी ने बीजद में ‘दूसरे पावर सेंटर’ कहे जाने वाले वीके पांडियन पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि 2024 के चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में वीके पांडियन ने मेरी गैरमौजूदगी में मेरे समर्थन में बात की थी। उस समय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ था। 2012 के ‘मिडनाइट ऑपरेशन’ के दौरान भी पांडियन ने मेरी भूमिका को स्वीकार किया था।
बीजद के भीतर मची है खलबली
नवीन पटनायक के बयान और त्रिपाठी की प्रतिक्रिया के बाद पार्टी के भीतर मतभेद और भी गहरे होते दिख रहे हैं। इन बयानों से पहले पाटिया इलाके के एक होटल में हुई बीजद के अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक ने इन अटकलों को और बल दिया कि पार्टी दो धड़ों में बंट सकती है। वरिष्ठ नेता शशि भूषण बेहरा, अशोक पंडा और चंद्र सारथी बेहरा की इस बैठक में मौजूदगी को पार्टी अध्यक्ष ने अस्वीकार करते हुए कहा कि बैठकें पार्टी कार्यालय ‘शंख भवन’ में ही होनी चाहिए थीं।
पांडियन पर क्यों बचाव में आए नवीन?
वीके पांडियन को लेकर पहले भी राष्ट्रीय मीडिया में कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं, जिनमें उनके भाजपा से संभावित संपर्कों की चर्चा की गई थी। जुलाई 2024 में भी नवीन पटनायक ने इन खबरों को झूठा, मानहानिकारक और दुर्भावनापूर्ण बताया था। लेकिन अब वक्फ विधेयक पर मतदान और पांडियन के संदर्भ में हो रहे सियासी घमासान के बीच एक बार फिर वह बैकफुट पर नज़र आ रहे हैं।
क्या पार्टी टूट की ओर बढ़ रही है?
पार्टी में गहराते मतभेदों, वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी और त्रिपाठी जैसे नेताओं की मुखर प्रतिक्रिया ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बीजद किसी बड़ी टूट की ओर बढ़ रही है? खासकर तब जब नेतृत्व को लेकर पार्टी के भीतर ही सवाल उठने लगे हैं और सार्वजनिक मंचों पर बयानबाजी हो रही है।

Share this news

About admin

Check Also

महाप्रभु श्री जगन्नाथ की धरती पर कवियों ने शब्दों में गढ़े विश्व एकता के संदेश

राम, अली, रसखान और कबीर को बताया सामाजिक समरसता की नींव नेताओं के दलबदल से …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *