नई दिल्ली/लंदन। केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अमेरिकी टैरिफ से बढ़ी वैश्विक व्यापार चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था विकास की एक किरण बनी हुई है।
वित्त मंत्री सीतारमण ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में ‘भारत के 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के प्रयास के लिए अवसर और चुनौतियां’ विषय पर आयोजित संवाद में भारत की आर्थिक गति को आगे बढ़ाने वाले लचीलेपन और घरेलू मांग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की लचीलापन और घरेलू मांग की मजबूती अमेरिकी टैरिफ के परिणामस्वरूप तेजी से विकसित हो रहे वैश्विक व्यापार परिदृश्य के बीच भारत को विकास का इंजन बनाती रहेगी।
सीतारमण ने कहा कि विश्व ने कई वर्षों से विकास में मंदी देखी है। पहले लंबे समय तक ब्याज दरें कम थीं और अब लंबे समय तक विकास दर कम रहने वाली है। यह किसी के लिए भी अच्छी खबर नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत ने पिछले पांच सालों से लगातार सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था का दर्जा बरकरार रखा है और हमें अभी भी लगता है कि यह गति थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन फिर भी भारत ही इस वृद्धि को बनाए रखेगा, क्योंकि हमारी वृद्धि घरेलू स्तर पर मौजूद खपत के कारण संतुलित होती है।
इससे पहले ब्रिटेन और ऑस्ट्रिया के छह दिवसीय आधिकारिक दौरे के पहले चरण में लंदन पहुंचीं सीतारमण ने यहां आज प्रूडेंशियल पीएलसी की अध्यक्ष श्रीति वडेरा से मुलाकात की। इस दौरान वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति में सुधारों के कारण भारतीय बीमा क्षेत्र में वृद्धि का उल्लेख किया और इस बात पर भी जोर दिया और स्वास्थ्य बीमा तथा अन्य उत्पादों के अलावा पुनर्बीमा तथा तृतीय पक्ष बीमा पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
इसके अलावा सीतारमण ने आज लंदन में ब्रिटेन की पूर्व स्वास्थ्य सचिव और यूके इंडिया बिजनेस काउंसिल की पूर्व अध्यक्ष डेम पैट्रिशिया हेविट से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर बातचीत की।
साभार – हिस
