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एआई टूल शुरू करने वाला ओडिशा देश का पहला राज्य बना
भुवनेश्वर। ओडिशा सरकार ने बच्चों की वृद्धि पर नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित निगरानी टूल विकसित करने की दिशा में एक पायलट परियोजना की शुरुआत की है। अधिकारियों के मुताबिक, यह अभिनव पहल देश में पहली बार किसी राज्य द्वारा की गई है।
बताया गया है कि सोमवार को इस परियोजना के तहत ‘विकास निगरानी के लिए एआई: बाल शारीरिक माप विज्ञान के लिए एआई उपकरण का विकास’ विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
इस अवसर पर ओडिशा की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव शुभा शर्मा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
फील्ड टीम के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल लॉन्च
कार्यशाला में फील्ड टीम के लिए एक विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल जारी किया गया, जिसमें यह बताया गया कि कैसे फील्ड स्तर पर डेटा संग्रह किया जाए, जो आगे चलकर एआई टूल के विकास में मदद करेगा।
यह परियोजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, वाधवानी एआई, आईसीएमआर-आरएमआरसी भुवनेश्वर और पोशन अभियान के सहयोग से चलाई जा रही है।
एआई टूल से होगी बच्चों की वृद्धि की सटीक निगरानी
बताया गया है कि इस पहल का उद्देश्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा बच्चों की वृद्धि से जुड़ी मापों को अधिक सटीक, कुशल और तकनीक-सक्षम बनाना है।
एआई टूल के माध्यम से बच्चे के वजन, लंबाई, सिर की परिधि और छाती की परिधि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां साधारण स्मार्टफोन से लिए गए छोटे वीडियो के जरिए स्वतः दर्ज होंगी। इससे कुपोषण की प्रारंभिक पहचान में मदद मिलेगी।
6 जिलों में फील्ड डेटा संग्रह
प्रशिक्षण के बाद फील्ड अन्वेषक ओडिशा के छह जिलों, बालेश्वर, कटक, गंजाम, जाजपुर, केंदुझर और मयूरभंज—में डेटा संग्रह अभियान शुरू करेंगे। यह अभ्यास तीन से चार महीने तक चलेगा और इससे प्राप्त डेटा एआई टूल के मूल्यांकन व पायलट कार्यान्वयन के लिए आधार बनेगा।