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बीजद सांसद की सनसनीखेज टिप्पणी, भाजपा से सौदे का भी दावा
भुवनेश्वर। ओडिशा की राजनीति में बवंडर मचाते हुए बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ सांसद देवाशीष सामंतराय ने पार्टी के ‘मुख्य सलाहकार’ पर तीखा हमला बोला है। बिना नाम लिये उन्होंने वी कार्तिकेयन पांडियन की ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया कि वे लोकतांत्रिक दायरे से बाहर रहकर पार्टी के अंदर बड़े फैसलों को नियंत्रित कर रहे हैं। निर्णय लेने वाला कोई और है, सस्मित सिर्फ आदेश का पालन करता है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए देवाशीष ने कहा कि सस्मित पात्र खलनायक नहीं हैं। वे फैसले नहीं लेते, सिर्फ आदेशों का पालन करते हैं। असली ताकत कहीं और है, मुख्य सलाहकार के पास।
राजनीति चला रहे हैं, लेकिन राजनीति में नहीं हैं
सामंतराय ने स्पष्ट कहा कि मुख्य सलाहकार के पास कोई निर्वाचित पद नहीं है, फिर भी पार्टी की दिशा और निर्णय वही तय कर रहे हैं। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वक्फ विधेयक का विरोध करने की बात आंतरिक बैठकों में कही थी। सामंतराय ने कहा कि नवीन बाबू ने दो बैठकों में स्पष्ट कहा था कि हमें वक्फ बिल का विरोध करना चाहिए, फिर अचानक पार्टी का रुख क्यों बदल गया? यह प्रश्न स्वयं मुख्यमंत्री को सोचना चाहिए।
भाजपा से बड़ा सौदा होने का दावा
सामंतराय की सबसे विस्फोटक बात वह थी जिसमें उन्होंने दावा किया कि एक बड़ा सौदा हुआ है, जिसमें मुख्य सलाहकार और भाजपा के बीच गुप्त समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्य सलाहकार ने भाजपा से कोई न कोई समझ बनायी है। ये सब उसी का नतीजा है।
उन्होंने यह भी कहा कि जो व्यक्ति हाल ही में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर राजनीति में आए हैं, वही इस पूरे घटनाक्रम के पीछे हैं। सामंतराय ने कहा कि आप जानते हैं कि हाल ही में किसने वीआरएस लिया है। मैं नाम नहीं ले रहा, आप समझ जाइए।
बीजद में बढ़ता असंतोष?
देवाशीष सामंतराय का यह बयान बीजद में गहराते असंतोष और आंतरिक कलह का बड़ा संकेत माना जा रहा है। इससे पहले मंत्री कृष्ण चंद्र पात्र और कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति भी पंडियन के प्रभाव और भाजपा से बीजद के गुप्त गठजोड़ की बात कह चुके हैं। फिलहाल बीजद की ओर से इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी अब इस आंतरिक भूचाल को रोक नहीं पाएगी।