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वक्फ बिल पर सस्मित पात्र के समर्थन से बीजद में बवाल

  • बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक को पत्र लिखकर पात्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग

  • वरिष्ठ नेताओं ने उठाई नीति परिवर्तन की जांच की मांग

  • पार्टी की वर्षों से चली आ रही समान दूरी की नीति को इस निर्णय ने सवालों के घेरे में ला खड़ा किया

भुवनेश्वर। राज्यसभा में वक्फ बिल के समर्थन में बीजद सांसद सस्मित पात्र के वोट देने के बाद बीजू जनता दल (बीजद) के भीतर उबाल आ गया है। पार्टी की वर्षों से चली आ रही समान दूरी की नीति को इस निर्णय ने सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने प्रताप जेना द्वारा बीजद सुप्रीमो नवीन पटनायक को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग करने के एक दिन बाद शनिवार को एक और वरिष्ठ नेता बद्री पात्र ने सस्मित पात्र पर खुलकर निशाना साधा। उन्होंने पूछा कि सस्मित पात्र को यह अधिकार किसने दिया कि वे पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर बिल का समर्थन करें?

वरिष्ठ बीजद नेता और पूर्व मंत्री प्रताप जेना ने शनिवार को बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक को पत्र लिखकर राज्यसभा सांसद सस्मित पात्र के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने वक्फ बिल के समर्थन में वोट दिया, जो पार्टी की आधिकारिक स्टैंड के खिलाफ था।

पात्र की कार्रवाई को पार्टी विरोधी

अपने पत्र में जेना ने आरोप लगाया कि पात्र ने वक्फ बिल का समर्थन करके पार्टी के रुख के विपरीत कार्य किया। उन्होंने पात्र की कार्रवाई को पार्टी विरोधी और चौंकाने वाली बताया। जेना ने यह भी उल्लेख किया कि पात्र के हालिया सोशल मीडिया पोस्टों से उनके विचार पार्टी की वैचारिक स्थिति के विपरीत प्रतीत होते हैं। जेना ने कहा कि उनकी ट्वीट्स ने सभी को चौंका दिया है और टिप्पणी को अवांछनीय और दुखद बताया।

व्यवहार के पीछे गहरे षड्यंत्र का संदेह

इसके अलावा, जेना ने पात्र के व्यवहार के पीछे गहरे षड्यंत्र का संदेह जताया और इस मामले की व्यापक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि हमें यह जांचना चाहिए कि इस षड्यंत्र के पीछे कौन है और यह भी कहा कि यह व्यवहार पार्टी के दृष्टिकोण के अनुरूप नहीं है। बीजद की मुस्लिम समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए जेना ने कहा कि हमारी पार्टी ने वक्फ बिल का विरोध किया था। सस्मित का अचानक रुख बदलना अत्यधिक संदिग्ध है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से पात्र के खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अपील की और निष्कर्ष रूप में कहा कि जो इस षड्यंत्र में शामिल हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

अंदर ही खेल हुआ है, जांच होनी चाहिए

इधर, बद्री पात्र ने कहा कि पार्टी का रुख साफ था कि वक्फ बिल का विरोध करना है, लेकिन सस्मित पात्र ने इसका समर्थन किया। यह पार्टी की नीति के खिलाफ है। जरूर किसी ने अंदर ही खेल खेला है। हमें पता लगाना चाहिए कि यह खेल कहां और किसने खेला।  उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने स्वयं बिल का विरोध करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद यह रुख कैसे बदल गया और सस्मित पात्र को ऐसा कदम उठाने की हिम्मत कैसे हुई, इस पर जवाबदेही तय होनी चाहिए।

किसके आदेश से लिया गया ये फैसला? 

बद्री पात्र ने कहा कि बीजद ने हमेशा ओडिशा और अल्पसंख्यकों के हित को ध्यान में रखकर मुद्दों पर आधारित समर्थन देने की नीति अपनाई है, लेकिन इस मामले में न तो पार्टी का समर्थन तय था, न ही किसी तरह का व्हिप जारी हुआ।

पांच ने समर्थन में वोट दिया

उन्होंने बताया कि सात बीजद सांसदों में से एक ने विरोध किया, पांच ने समर्थन में वोट दिया और एक ने मतदान से दूरी बनाई। यह दर्शाता है कि पार्टी के भीतर समन्वय की गंभीर कमी है और कहीं न कहीं दिशा निर्देशों में बड़ा बदलाव हुआ है।

सस्मित पात्र ने पार्टी की मर्यादा तोड़ी 

पूर्व मंत्री प्रफुल्ल सामल ने भी पहले इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी। अब बद्री पात्र ने भी कहा है कि सस्मित पात्र को व्यक्तिगत रूप से पार्टी के सामूहिक निर्णय को बदलने का कोई अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि सस्मित पात्र का यह कदम पार्टी अनुशासन का उल्लंघन है और बीजद की संतुलित राजनीति की छवि को ठेस पहुंचाता है।

पार्टी के सामने वैचारिक संकट? 

बद्री पात्र ने कहा कि अब यह सिर्फ एक वोट का मामला नहीं रहा। यह पार्टी के वैचारिक मूल्यों पर सवाल खड़ा करता है। अगर मुख्यमंत्री ने विरोध का निर्देश दिया था, तो अंतिम समय पर यह फैसला कैसे बदला गया?   इस पूरे मामले पर सस्मित पात्र या पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि नवीन पटनायक ने मामले को गंभीरता से लिया है और घटनाक्रम की पूरी जानकारी एकत्र की जा रही है। जल्द ही इस पर औपचारिक जांच शुरू हो सकती है कि सस्मित पात्र ने व्यक्तिगत विचारों के आधार पर वोट दिया या उन्हें किसी आंतरिक निर्देश का पालन करना पड़ा।

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