भुवनेश्वर । ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा और कटक शहर की प्रसिद्ध बालि यात्रा को संगीत नाटक अकादमी की ‘राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची’ में शामिल किया गया है। हाल ही में, संगीत नाटक अकादमी ने देश भर के 10 प्रमुख त्योहारों और सांस्कृतिक आयोजनों को अपनी इस सूची में शामिल किया है, जिनमें पुरी की रथ यात्रा और कटक की बालि यात्रा भी शामिल हैं।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने रथ यात्रा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने के लिए संस्कृति मंत्रालय को अपना नामांकन सौंपा था।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढी ने सोशल मीडिया पर एक सीरिज पोस्ट करते हुए कहा, “यह जानकर बहुत खुशी हुई कि संगीत नाटक अकादमी ने ओडिशा की रथ यात्रा और बालि यात्रा को राष्ट्रीय अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में स्थान दिया है। यह पहला महत्वपूर्ण कदम है, और अब हम उत्सुकता से इस भव्य आयोजन (रथ यात्रा) को यूनेस्को की अंतिम सूची में शामिल होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।”
इसी तरह, राज्य सरकार ने कटक की ऐतिहासिक बालि यात्रा को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में स्थान दिलाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है, जो संगीत नाटक अकादमी की दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज तैयार करेगी और विश्वसनीय जानकारी एकत्रित करेगी।
इस दस्तावेजीकरण को यूनेस्को के पास प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि कटक की बालि यात्रा को भी अंतरराष्ट्रीय पहचान मिल सके।