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ANANT NAYAK (3)

सांसद अनंत नायक ने केन्दुझर में पर्यटन विकास की मांग उठाई

  • कहा-प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों से समृद्ध है केन्दुझर जिला

भुवनेश्वर। ओडिशा के केन्दुझर से लोकसभा सांसद अनंत नायक ने गुरुवार को शून्यकाल के दौरान केन्दुझर जिले में पर्यटन विकास की आवश्यकता का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया। उन्होंने कहा कि केन्दुझर जिला प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक स्थलों से भरपूर होते हुए भी अब तक पर्यटन के क्षेत्र में अपेक्षित विकास से वंचित है।

सांसद नायक ने लोकसभा में कहा कि केन्दुझर जिले के 150 किलोमीटर की परिधि में लगभग 22 प्रमुख प्राकृतिक स्थल मौजूद हैं, जिनका समुचित विकास कर राज्य के पर्यटन मानचित्र में एक नई पहचान दी जा सकती है। यदि इन स्थलों में आधारभूत संरचना का विकास किया जाए और उचित प्रचार-प्रसार किया जाए, तो यह न केवल केन्दुझर बल्कि सम्पूर्ण ओडिशा की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।

उन्होंने विशेष रूप से घटगांव स्थित माँ तारिणी मंदिर का उल्लेख किया, जो श्रीजगन्नाथ मंदिर के बाद ओडिशा में सबसे अधिक श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन हेतु जाया जाता है। इसके अतिरिक्त, सिताबिंज, जो रामायण काल से जुड़ा है, भीमकुंड, जो महाभारत से जुड़ा है, कुशलेश्वर महादेव मंदिर, बाराटीपरा महादेव, मुरुगा महादेव मंदिर, और चक्रतीर्थ जैसे कई धार्मिक स्थलों को भी पर्यटन दृष्टिकोण से विकसित किए जाने की आवश्यकता बताई।

नायक ने कहा कि गोनासिका, जहाँ पवित्र वैतरणी नदी का उद्गम होता है, को भी गंगा नदी की भांति धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके अलावा, जिले में मौजूद अनेक जलप्रपात जैसे सानघाघरा, गुंडिचाघाघी, हांडीभंगा, बड़ घाघरा, खंडाधार को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि केन्दुझर में पिकनिक और वन भ्रमण के लिए भी केशरी कुंड, तेनतेइनाली, गिरिडीह बांध, काईझर, काईजोडा, दरगड़शिला, डाबरचुआ, संगड़हड़ा आदि कई सुंदर स्थल हैं। सांसद ने कहा कि केन्दुझर जिले में पर्यटन के अपार संभावनाएं हैं, लेकिन आधारभूत संरचना की कमी और उचित प्रचार-प्रसार के अभाव में इन क्षेत्रों को पर्यटन के नक्शे पर उचित स्थान नहीं मिल पाया है। उन्होंने माँग की कि इन धार्मिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों के लिए सड़कों, यात्री विश्राम गृहों, होटल-लॉज, इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसे बुनियादी ढांचे का विकास किया जाए और साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार भी सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने कहा कि यदि इस क्षेत्र में धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पर्यटन को प्रोत्साहन दिया जाए तो स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। साथ ही, एडवेंचर टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा जो पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सतत पर्यटन को बल देगा।

अंत में नायक ने कहा कि यदि केन्दुझर को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किया जाए, तो यह न केवल जिले के लिए बल्कि पूरे ओडिशा की आर्थिक स्थिति को सशक्त बना सकता है। इसके लिए उन्होंने विशेष योजना और बजट आवंटन की भी माँग की।

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