-
सदन में हंगामा करने पर हुई कार्रवाई
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में मंगलवार को भारी हंगामे के बीच 12 कांग्रेस विधायकों को निलंबित कर दिया गया। सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक द्वारा पेश प्रस्ताव के बाद यह कार्रवाई की गई, जिसमें सदन की गरिमा भंग करने का आरोप लगाया गया था।
कुल 14 कांग्रेस विधायकों में से 12 को निलंबित किया गया है, जिनमें रामचंद्र काडाम, सीएस राजन एक्का, दशरथी गमांग, अशोक दास, सत्यजीत गमांग, सागर दास और प्रफुल्ल प्रधान भी शामिल हैं। सभी को सात दिनों के लिए निलंबित किया गया है।
विपक्षी विधायकों ने महिला सुरक्षा के मुद्दे को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए घंटी और मंजीरे बजाए थे, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। इसके बाद सरकार ने सदन में अनुशासन बनाए रखने की दलील देते हुए यह कार्रवाई की।
यह लोकतंत्र की हत्या है – वाहिनीपति
कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि मैं अस्वस्थ होने के कारण घर चला गया था, लेकिन यह लोकतंत्र की हत्या है। भाजपा सरकार ने ओडिशा के इतिहास में पहली बार ऐसा किया है। कांग्रेस डरने वाली नहीं है, हम अपना संघर्ष जारी रखेंगे। मैं और रमेश जेना निलंबित नहीं हुए हैं, इसलिए 27 तारीख को विधानसभा का घेराव करेंगे। हमारा एकमात्र मांग महिला सुरक्षा के लिए सदन समिति का गठन है।
सदन की कार्यवाही ठप कर रहा था विपक्ष – मंत्री
मंत्री कृष्ण महापात्र ने कहा कि पिछले कई दिनों से विपक्ष सदन की कार्यवाही ठप कर रहा था। अध्यक्ष और सरकार की अपीलों के बावजूद उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। ओडिशा की जनता यह सब देख रही है।
सरकार लोकतंत्र की रक्षा करने में अक्षम – दशरथी
निलंबित विधायक दशरथी गमांग ने कहा कि जब मैं विधानसभा आ रहा था, तब मुझे निलंबन की खबर मिली। भाजपा सरकार लोकतंत्र की रक्षा करने में अक्षम है। हम अनूठे तरीके से अपना विरोध जता रहे थे, लेकिन सरकार हमारी मांगों को दबाना चाहती है। हम महिला सुरक्षा को लेकर सदन समिति के गठन की मांग कर रहे हैं और इसे लेकर आंदोलन को और तेज करेंगे।
यह सब सरकार की अक्षमता के कारण हुआ – अरुण
बीजद विधायक अरुण साहू ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने मंजीरे और अन्य वाद्ययंत्र बजाकर विरोध किया। सरकार को उनकी मांगें मानकर सदन समिति गठित करनी चाहिए थी। यह सब सरकार की अक्षमता के कारण हुआ। पूर्व सरकार में विरोध प्रदर्शन होते थे, लेकिन इतनी कड़ी कार्रवाई कभी नहीं हुई। अब नई सरकार में हालात बदल गए हैं।
चर्चा करने के बजाय सदन को बाधित कर रहा विपक्ष – भाजपा
भाजपा विधायक बाबू सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा की प्रत्येक कार्यवाही पर लगभग 70 लाख रुपये खर्च होते हैं, लेकिन विपक्ष जनता के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय सदन को बाधित कर रहा है।
विधानसभा की कार्यवाही पर असर
इस बड़े पैमाने पर हुए निलंबन से आगामी विधायी चर्चाओं पर प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे विधानसभा में राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।