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ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने बिजली क्षेत्र के विकास को लेकर विस्तृत समीक्षा बैठक की
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ओडिशा के बिजली क्षेत्र में विस्तार की योजना
भुवनेश्वर। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल ने रविवार को भुवनेश्वर में ओडिशा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राज्य के बिजली क्षेत्र के विकास को लेकर विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में फ्लाई ऐश के उपयोग, क्षमता वृद्धि, ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजली आवंटन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
मनोहर लाल ने आश्वासन दिया कि फ्लाई ऐश निस्तारण की समस्या को दूर करने के लिए कोयला, पर्यावरण और रेलवे मंत्रालयों के साथ संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें फ्लाई ऐश के दीर्घकालिक परिवहन के लिए पर्याप्त रेल रैक उपलब्ध कराने पर भी विचार किया जाएगा।
राज्य सरकार ने बैठक में जानकारी दी कि ओडिशा में वर्तमान में 20 गीगावाट कोयला आधारित तापीय ऊर्जा क्षमता चालू है, जबकि अगले पांच से छह वर्षों में 10 गीगावाट अतिरिक्त क्षमता जोड़ी जाएगी। इस पर केंद्रीय मंत्री ने ओडिशा में अधिक पिट-हेड (कोयला खदान के पास) तापीय ऊर्जा संयंत्रों के विकास को प्रोत्साहित करने की बात कही, जिसमें अन्य राज्यों के जेनको (जीईएनसीओ) के साथ संयुक्त उद्यम की संभावनाएं भी शामिल होंगी।
ट्रांसमिशन नेटवर्क और पावर आवंटन पर चर्चा
ओडिशा सरकार ने इंट्रा-स्टेट (राज्य के भीतर) ट्रांसमिशन योजना और भुवनेश्वर-कटक जैसे शहरों में बिजली आपूर्ति को मजबूत करने के प्रयासों पर केंद्रीय मंत्री को जानकारी दी।
इसके अलावा, ओडिशा पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (ओपीटीसीएल) द्वारा राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) की समस्याओं के समाधान की दिशा में उठाए गए कदमों पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने बताया कि मार्च 2025 के बाद ओडिशा के ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर परियोजना के प्रस्ताव को नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा लिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि ओडिशा को रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम के अगले चरण में शामिल करने के मुद्दे पर उचित कदम उठाए जाएंगे। एनएलसीआईएल के तालाबीरा तापीय ऊर्जा परियोजना के दूसरे चरण से ओडिशा को आवश्यक मात्रा में बिजली आवंटित करने की बात भी उन्होंने कही। मनोहर लाल ने भरोसा दिया कि ओडिशा के बिजली ढांचे को मजबूत करने और ऊर्जा क्षेत्र में सतत विकास के लिए केंद्र सरकार पूरा सहयोग देगी।