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100 चेक डैम, चार लघु सिंचाई परियोजनाओं और 18 मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास
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जल संसाधनों के प्रबंधन पर सरकार की प्राथमिकता – मोहन माझी
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कहा-ओडिशा सरकार विभिन्न राज्यों के साथ जल विवादों के समाधान के लिए तत्पर

भुवनेश्वर। जल संरक्षण और प्रबंधन को प्राथमिकता देते हुए ओडिशा सरकार ने कई अहम परियोजनाओं का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विश्व जल दिवस के अवसर पर 100 चेक डैम, चार लघु सिंचाई परियोजनाओं और 18 मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि जल प्रबंधन और संरक्षण में सरकार की अहम भूमिका होती है, लेकिन इसमें समाज के प्रत्येक व्यक्ति का योगदान भी जरूरी है।
लोक सेवा भवन स्थित कन्वेंशन सेंटर में जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जल विवादों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार विभिन्न राज्यों के साथ जल विवादों के समाधान के लिए तत्पर है। खासतौर पर छत्तीसगढ़ के साथ महानदी जल विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच चर्चा हुई है और “ट्रिपल इंजन सरकार” के सहयोग से इस समस्या का समाधान जल्द निकाला जाएगा।
मृदा नमी और ग्लेशियरों में संग्रहित जल में लगातार गिरावट
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है। उन्होंने विश्व मौसम विज्ञान संगठन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में मृदा नमी और ग्लेशियरों में संग्रहित जल में लगातार गिरावट आई है। ऐसे में जल संरक्षण और जल प्रदूषण को रोकना भविष्य के लिए आवश्यक है।
लोक सेवा भवन स्थित कन्वेंशन सेंटर में जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जल विवादों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार विभिन्न राज्यों के साथ जल विवादों के समाधान के लिए तत्पर है। खासतौर पर छत्तीसगढ़ के साथ महानदी जल विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच चर्चा हुई है और “ट्रिपल इंजन सरकार” के सहयोग से इस समस्या का समाधान जल्द निकाला जाएगा।
मृदा नमी और ग्लेशियरों में संग्रहित जल में लगातार गिरावट
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है। उन्होंने विश्व मौसम विज्ञान संगठन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले 20 वर्षों में मृदा नमी और ग्लेशियरों में संग्रहित जल में लगातार गिरावट आई है। ऐसे में जल संरक्षण और जल प्रदूषण को रोकना भविष्य के लिए आवश्यक है।

राज्य में जल संरक्षण के लिए बड़े लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने जल संरक्षण और सिंचाई के विस्तार को लेकर बड़े कदम उठाए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में 15 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जाए। जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए इस वर्ष ₹14,841 करोड़ 72 लाख 92 हजार रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
नए सिरे से तैयार हो रही है जल नीति
उन्होंने कहा कि जल नीति को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है और नदियों व नहरों की सफाई एवं पुनरुद्धार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब तक 9 प्रमुख, 48 मध्यम और 3,853 लघु सिंचाई परियोजनाओं के जरिए राज्य में 24.65 बिलियन क्यूबिक मीटर जल का संरक्षण किया गया है।
इसके अतिरिक्त, 16,704 चेक डैम बनाए गए हैं और विभिन्न नदियों में 72 इन-स्ट्रीम स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के माध्यम से 65,792 हेक्टेयर मीटर जल संरक्षण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 22 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और 6 पूरी हो चुकी हैं।
जल संरचनाओं का विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में शुरू किए गए जल शक्ति अभियान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के बिना तीव्र विकास असंभव है। जल शक्ति अभियान 2024 के तहत ओडिशा में अब तक 1,80,643 जल संरक्षण संरचनाएं विकसित की गईं तथा 35,862 पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार किया गया। 34,534 भूजल पुनर्भरण संरचनाएं बनाई गईं। 1,78,109 वाटरशेड परियोजनाएं क्रियान्वित की गईं।
नई जल प्रबंधन परियोजनाओं की शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 80 करोड़ की लागत से बने 100 चेक डैम का उद्घाटन किया। इसके साथ ही केन्द्रापड़ा, गंजाम, गजपति और मयूरभंज जिलों में चार लघु सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। 1,227 करोड़ की लागत से अनुगूल, केंदुझर, ढेंकानाल और मयूरभंज में 18 मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
“गो-वॉटर” ईआरपी ऐप का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन प्रबंधन को डिजिटल रूप से अधिक प्रभावी बनाने के लिए “गो-वॉटर” ईआरपी ऐप का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने इससे संबंधित एक सूचना पुस्तिका का भी अनावरण किया।
जल संरक्षण में जनभागीदारी की अपील
मुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि “हमें अपने घरेलू उपयोग में जल की बर्बादी को रोकना होगा और कृषि व उद्योगों में जल का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना होगा।”
सरकार का लक्ष्य: समृद्ध ओडिशा 2036 तक
कार्यक्रम में जल संसाधन विभाग की विकास आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव अनु गर्ग ने कहा कि सरकार 2036 तक समृद्ध ओडिशा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जल संसाधन विकास और संरक्षण को विशेष महत्व दे रही है। जल संसाधनों का उपयोग पेयजल, सिंचाई, पर्यावरणीय पर्यटन, जलविद्युत और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य अभियंता चंद्रशेखर पाढ़ी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर प्रमुख अभियंता (योजना एवं डिजाइन) लिंगराज गौड़ा, विशेष सचिव आशुतोष दाश समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और पानी पंचायतों के सदस्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने जल संरक्षण और सिंचाई के विस्तार को लेकर बड़े कदम उठाए हैं। सरकार का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में 15 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के दायरे में लाया जाए। जल संसाधनों के प्रबंधन के लिए इस वर्ष ₹14,841 करोड़ 72 लाख 92 हजार रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।
नए सिरे से तैयार हो रही है जल नीति
उन्होंने कहा कि जल नीति को नए सिरे से तैयार किया जा रहा है और नदियों व नहरों की सफाई एवं पुनरुद्धार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब तक 9 प्रमुख, 48 मध्यम और 3,853 लघु सिंचाई परियोजनाओं के जरिए राज्य में 24.65 बिलियन क्यूबिक मीटर जल का संरक्षण किया गया है।
इसके अतिरिक्त, 16,704 चेक डैम बनाए गए हैं और विभिन्न नदियों में 72 इन-स्ट्रीम स्टोरेज प्रोजेक्ट्स के माध्यम से 65,792 हेक्टेयर मीटर जल संरक्षण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 22 परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और 6 पूरी हो चुकी हैं।
जल संरचनाओं का विस्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2021 में शुरू किए गए जल शक्ति अभियान का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण के बिना तीव्र विकास असंभव है। जल शक्ति अभियान 2024 के तहत ओडिशा में अब तक 1,80,643 जल संरक्षण संरचनाएं विकसित की गईं तथा 35,862 पारंपरिक जल स्रोतों का पुनरुद्धार किया गया। 34,534 भूजल पुनर्भरण संरचनाएं बनाई गईं। 1,78,109 वाटरशेड परियोजनाएं क्रियान्वित की गईं।
नई जल प्रबंधन परियोजनाओं की शुरुआत
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने 80 करोड़ की लागत से बने 100 चेक डैम का उद्घाटन किया। इसके साथ ही केन्द्रापड़ा, गंजाम, गजपति और मयूरभंज जिलों में चार लघु सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। 1,227 करोड़ की लागत से अनुगूल, केंदुझर, ढेंकानाल और मयूरभंज में 18 मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं का शिलान्यास किया।
“गो-वॉटर” ईआरपी ऐप का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन प्रबंधन को डिजिटल रूप से अधिक प्रभावी बनाने के लिए “गो-वॉटर” ईआरपी ऐप का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने इससे संबंधित एक सूचना पुस्तिका का भी अनावरण किया।
जल संरक्षण में जनभागीदारी की अपील
मुख्यमंत्री ने आम जनता से अपील करते हुए कहा कि “हमें अपने घरेलू उपयोग में जल की बर्बादी को रोकना होगा और कृषि व उद्योगों में जल का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना होगा।”
सरकार का लक्ष्य: समृद्ध ओडिशा 2036 तक
कार्यक्रम में जल संसाधन विभाग की विकास आयुक्त एवं अपर मुख्य सचिव अनु गर्ग ने कहा कि सरकार 2036 तक समृद्ध ओडिशा के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए जल संसाधन विकास और संरक्षण को विशेष महत्व दे रही है। जल संसाधनों का उपयोग पेयजल, सिंचाई, पर्यावरणीय पर्यटन, जलविद्युत और औद्योगिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जाएगा।
कार्यक्रम में मुख्य अभियंता चंद्रशेखर पाढ़ी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस अवसर पर प्रमुख अभियंता (योजना एवं डिजाइन) लिंगराज गौड़ा, विशेष सचिव आशुतोष दाश समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और पानी पंचायतों के सदस्य उपस्थित थे।