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रमाकांत रथ का निधन भारतीय साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति – डॉ सुनीति मुंड

  • कहा- प्रशासन, साहित्य, संस्कृति और इंसानियत के प्रतीक रहे रथ के जाने से ओड़िया साहित्य में एक युग का अंत

  • रथ के निधन पर मुंड ने जताया शोक

भुवनेश्वर। कवि रमाकांत रथ के 91 वर्ष की आयु में निधन पर लेखिका, संपादक, प्रकाशक और ओडिशा साहित्य अकादमी की सदस्य डॉ सुनीति मुंड ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि रमाकांत रथ का निधन भारतीय साहित्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। प्रशासन, साहित्य, संस्कृति और इंसानियत के प्रतीक रहे रथ के जाने से ओड़िया साहित्य में एक युग का अंत हो गया है।
डॉ सुनीति मुंड ने आज भुवनेश्वर स्थित उनके निवास पर पहुंचकर पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए और अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं।
डॉ मुंड ने बताया कि वे कई वर्षों से रमाकांत रथ के संपर्क में रही हैं।
डॉ. मुंड ने कहा कि उनसे जितनी भी बार मुलाकात हुई, हमेशा कुछ नया सीखने को मिला। वे मुझे हमेशा अच्छा लिखने के लिए प्रेरित करते थे।

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