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कांग्रेस विधायकों का विधानसभा का बहिष्कार
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बीजद ने भी दिया कांग्रेस को समर्थन
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति के निलंबन के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने बुधवार को सदन का बहिष्कार किया। वाहिनीपति को सत्तारूढ़ भाजपा विधायकों से झड़प के बाद सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
कांग्रेस विधायकों ने घोषणा की कि जब तक निलंबन वापस नहीं लिया जाता, वे बहिष्कार जारी रखेंगे। इसके तहत उन्होंने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास धरना देने का निर्णय लिया।
निलंबन वापस लेने की मांग
इस मुद्दे पर बीजद ने भी कांग्रेस का समर्थन किया और स्पीकर सुरमा पाढ़ी से निलंबन वापस लेने की मांग की। बीजद विधायक प्रसन्न आचार्य ने कहा कि स्पीकर को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए थी। हमने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है और अब उनके अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं।
विधानसभा में हुआ हंगामा और झड़प
मंगलवार को ओडिशा विधानसभा में कांग्रेस और बीजद विधायकों ने भाजपा विधायक जयनारायण मिश्रा के विवादास्पद बयान के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया था। बीजद विधायकों ने कोशल क्षेत्र के ओडिशा में विलय पर दिए गए बयान के खिलाफ विरोध जताया। कांग्रेस विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर प्रदर्शन किया। हंगामे के दौरान कुछ विधायक स्पीकर की कुर्सी की ओर बढ़ने लगे, जिससे सदन में कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति और भाजपा विधायक जयनारायण मिश्र के बीच झड़प हो गई।
सरकार ने लगाया “अशोभनीय आचरण” का आरोप
इस झड़प के बाद सरकारी मुख्य सचेतक सरोज कुमार प्रधान के प्रस्ताव पर वाहिनीपति को “अशोभनीय आचरण” के आरोप में निलंबित कर दिया गया।
निलंबन पर कांग्रेस और बीजद की आपत्ति
कांग्रेस और बीजद दोनों ने इस निलंबन को एकतरफा कार्रवाई बताया। तारा वाहिनीपति ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें यह बताया जाए कि किस नियम के तहत निलंबित किया गया। अब विधानसभा स्पीकर के अगले फैसले पर सभी की नजरें टिकी हैं। बीजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी से मुलाकात कर निलंबन आदेश को रद्द करने की अपील की और फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। बीजद के सदस्यों ने निलंबन को असमझदारी और एकतरफा करार दिया।
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