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पाटनागढ़ के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अदालत में दर्ज कराया बयान
पाटनागढ़। साल 2018 में ओडिशा को झकझोर देने वाले पाटनागढ़ पार्सल बम कांड में आज एक अहम मोड़ आया, जब मुख्य आरोपी पूंजीलाल मेहर ने अदालत में अपना बयान दर्ज किया। यह मामला ओडिशा की अपराध गाथा में सबसे सनसनीखेज घटनाओं में से एक माना जाता है।
बलांगीर जेल में बंद पूंजीलाल मेहर को आज पाटनागढ़ के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश अदालत में लाया गया, जहां उसने अपने बयान दर्ज कराए। इससे पहले जांच एजेंसियों द्वारा सभी गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
अधिकारियों के अनुसार, मेहर का बयान इस मामले में महत्वपूर्ण कड़ी जोड़ सकता है और न्यायिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
क्या था यह दिल दहला देने वाला मामला?
23 फरवरी 2018 को पाटनागढ़ में एक शादी के उपहार के रूप में भेजे गए पार्सल में विस्फोट हो गया था। इस धमाके में नवविवाहित सौम्य शेखर साहू और उनकी दादी की मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी रीमा रानी साहू गंभीर रूप से घायल हो गई थीं।
आरोपी का बदले की भावना से रचा गया षड्यंत्र
जांच के अनुसार, पूंजीलाल मेहर ने यह हमला व्यक्तिगत प्रतिशोध के कारण किया था। सौम्य की मां संजुक्ता साहू को कॉलेज प्रिंसिपल बनाए जाने से नाराज मेहर ने यह भयावह साजिश रची।
आरोप है कि पूंजीलाल मेहर ने खुद पार्सल बम तैयार किया और इसे छत्तीसगढ़ के रायपुर से साहू परिवार को कुरियर के जरिए भेजा। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद पटाखे, गनपाउडर, लैपटॉप और पेन ड्राइव जब्त किए थे।
7 महीने तक बनाई थी योजना
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, मेहर ने लगभग 7 महीने तक बम बनाने की ऑनलाइन जानकारी जुटाई। उसने यूट्यूब और अन्य इंटरनेट स्रोतों से बम बनाने की तकनीक सीखी।
पाटनागढ़ कांड: सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल
यह घटना ओडिशा और देश के अपराध इतिहास में एक काला अध्याय बन गई है, जिसने पार्सल डिलीवरी की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए थे। इस मामले ने दिखाया कि किस तरह व्यक्तिगत बदले की भावना निर्दोष लोगों की जान ले सकती है। अदालत में दर्ज हुए इस बयान के बाद अब लोगों की निगाहें न्याय प्रक्रिया आगे रुख पर टिकी है कि पूंजीलाल मेहर के खिलाफ क्या फैसला आता है।