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दूसरे दिन भी बीजद नेता राजा चक्र पर ईओडब्ल्यू की कार्रवाई

  •  अब तक 200 बेनामी खाते और 20 वाहन जब्त

भुवनेश्वर। गंधमार्दन लोडिंग एजेंसी कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले में बीजू जनता दल (बीजद) के बीजू युवा जनता दल के उपाध्यक्ष सौम्या शंकर चक्र उर्फ राजा चक्र के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शिकंजा कस दिया है। मंगलवार से शुरू हुई यह व्यापक छापेमारी बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रही।
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, ईओडब्ल्यू ने बुधवार को केंदुझर, कोईड़ा, धामरा और गोपालपुर में राजा चक्र से जुड़े छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। इस दौरान अब तक 200 बेनामी बैंक खाते और 20 वाहन जब्त किए गए हैं, जिनका संबंध कथित रूप से बीजद नेता से है।
गौरतलब है कि ओडिशा क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा ने सोमवार सुबह 11 बजे से राजा चक्र, जिनका असली नाम सौम्यशंकर चक्र है, से पूछताछ शुरू की। यह जांच 500 करोड़ रुपये के परिवहन घोटाले से जुड़ी हुई है।
ईओडब्ल्यू की जांच का कारण
सूत्रों के अनुसार, ईओडब्ल्यू की 11 घंटे लंबी पूछताछ राजा चक्र और गंधमार्दन लोडिंग एवं ट्रांसपोर्ट कोऑपरेटिव सोसायटी के बीच संबंधों पर केंद्रित थी। इस ट्रांसपोर्ट सोसायटी पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं।
बताया जा रहा है कि कंपनी ने लौह अयस्क लोडिंग के लिए सामान्य से अधिक दर वसूली और बिना किसी अनुमति के लगातार कीमतें बढ़ाईं। इसके अलावा, कई लोगों को कथित तौर पर भेजी गई अवैध राशि को कंपनी के खर्च के रूप में दर्शाया गया।
घोटाले का खुलासा कैसे हुआ?
यह घोटाला तब उजागर हुआ जब एक मुखबिर ने ईओडब्ल्यू को सूचना दी कि ट्रांसपोर्ट एजेंसी ने फर्जी लेनदेन के जरिए करोड़ों रुपये का अवैध मुनाफा कमाया। यह भी आरोप है कि केवल राजा चक्र के करीबी लोगों को ही इस अवैध लाभ का हिस्सा दिया गया, जिससे बीजद नेता सीधे जांच के घेरे में आ गए। ईओडब्ल्यू की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की संभावना है।
चक्र पर लगा था मोहन माझी पर हमला करने का आरोप
इससे पहले चक्र पर पहले 10 अक्टूबर, 2021 को मौजूदा मोहन चरण माझी पर हमला करने का आरोप लगाया गया था, जब वे केंदुझर विधायक और विपक्ष के मुख्य सचेतक थे। 8 फरवरी को ईओडब्ल्यू ने धोखाधड़ी के सिलसिले में सोसायटी के पूर्व अध्यक्ष मानस रंजन बारिक और सचिव उत्कल दास को गिरफ्तार किया था। दोनों ने कथित तौर पर अन्य पदाधिकारियों और बाहरी लोगों के साथ मिलीभगत करके बिना उचित औचित्य या दस्तावेज के करोड़ों रुपये के कई सेल्फ-चेक पर हस्ताक्षर किए थे। यह मामला बिश्वनाथ राउल की लिखित शिकायत के आधार पर शुरू किया गया था, जिन्होंने पदाधिकारियों पर 40 से 50 करोड़ रुपये के गबन का आरोप लगाया था।
कई दस्तावेज गढ़े गए थे
ईओडब्ल्यू के अनुसार, ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन (ओएमसी) द्वारा संचालित खदानों से लौह अयस्क लोडिंग को संभालने वाली एजेंसी द्वारा 2017-18 और 2023-24 के बीच धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए श्रम भुगतान, परिधीय विकास, बुनियादी ढांचे के खर्च, सदस्य मुआवजे और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) कटौती से संबंधित दस्तावेज गढ़े गए थे।

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