भुवनेश्वर. रथयात्रा महाप्रभु श्रीजगन्नाथजी की शताब्दियों से चल रही परंपरा है. इसके साथ ओडिशा से साढे चार करोड़ लोग तथा विश्व में अनगिनत श्रीजगन्नाथजी के श्रद्धालुओं के भावना जुड़ी हुई है, लेकिन इस बार रथयात्रा के आयोजन को लेकर संशय बना हुआ है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक व राज्य सरकार को चाहिए कि वह इस बारे में द्वंद को तत्काल दूर करें. भाजपा के प्रदेश महामंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. उन्होंने कहा कि रथ निर्माण होगा या नहीं इस बारे में राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से अनुमति मांगी थी. केन्द्र सरकार ने 24 घंटों के अंदर रथ निर्माण को लेकर अनुमति प्रदान की थी. राज्य में रथयात्रा होगी कि नहीं इस बारे में निर्णय लेने के लिए राज्य सरकार क्यों देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि रथयात्रा से पूर्व हर साल तैयारी बैठक की जाती है. इस कारण विभिन्न चरणों में मुख्यमंत्री, विधि मंत्री, आरडीसी द्वारा तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की जाती है, लेकिन रथयात्रा निकट होने के बाद भी इस बार किसी प्रकार की तैयारी बैठक नहीं की गई है. इस कारण श्रद्धालुओं के मन में शंका उत्पन्न होना स्वाभविक है. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों का मानना है यदि इस बार रथयात्रा नहीं होती है, तो प्रभु श्रीजगन्नाथ एक साल तक अणसर में रहेंगे. इस कारण श्रद्धालुओं के मन में शंका है. उन्हेंने कहा कि राज्य सरकार ने वंदे उत्कल जननी के गायन के लिए पुरी के बड़दांड में, लोकसेवा भवन में व अन्य स्थानों पर हजारों की संख्या में लोगों को इकट्ठा कर सामाजिक दूरी बनाकर कार्यक्रम आयोजित किया था. यदि उन कार्यक्रमों में सामाजिक दूरी का नियम बनाकर आयोजन किया जा सकता है, तब रथयात्रा का आयोजन भी किया जा सकता है.
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