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2024-25 से 2028-29 वित्तीय वर्ष तक होगा कार्यान्वयन
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विकसित गांव-विकसित ओडिशा योजना का शुभारंभ
भुवनेश्वर। आज से ‘विकसित गांव, विकसित ओडिशा’ योजना की शुरुआत हुई। भुवनेश्वर के पास स्थित खुर्दा जिले के जंकिया में इस योजना की शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा कि शहर और गांवों के बीच जो विकास में अंतर है, यह योजना उसे दूर करके मौलिक आधार पर समानता लाएगी। ओडिशा के लगभग 60 हजार गांवों में विकास की धारा प्रवाहित होगी। गांवों को विकास की “ग्रोथ इंजन” बनाया जाएगा। यह योजना प्रधानमंत्री का नारा “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” के सर्वोत्तम उदाहरण के रूप में कार्य करेगी।
इस योजना में गांवों में बुनियादी विकास के लिए प्रति वर्ष एक हजार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है और पांच वर्षों में पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। यह योजना चालू 2024-25 आर्थिक वर्ष से लेकर 2028-29 आर्थिक वर्ष तक कार्यान्वित होगी। यदि आवश्यकता पड़ी, तो इस योजना को और विस्तारित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि गांवों का विकास नहीं होगा, तो ओडिशा का विकास सोचना भी असंभव है। हमारी “विकसित ओडिशा, विकसित गांव” योजना हमारे गांवों के विकास के लिए पूरी तरह से समर्पित है। यह योजना एक निर्धारित तरीके से वार्षिक योजनाओं के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी। इसमें गांवों की सड़कें, शिक्षा, सामूदायिक संसाधन, पूजा स्थल, खेल आधारभूत संरचनाएं, छोटे पर्यटन परियोजनाओं आदि का विकास किया जाएगा।
सड़कों के निर्माण पर प्राथमिकता
इस योजना में गांवों की बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। विशेष रूप से गांवों के अंदर की सड़कों और गांवों को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण पर प्राथमिकता दी जाएगी। इसमें पीच सड़क, सीमेंट कंक्रीट सड़क, पेवर ब्लॉक सड़क, पुल और कलवर्ट आदि का निर्माण किया जाएगा। जंगल क्षेत्र में स्थित सड़कों को भी कंक्रीट किया जाएगा।
धार्मिक केंद्रों का होगा निर्माण
इसके अलावा धार्मिक केंद्रों का निर्माण होगा। पूजा स्थल, तीर्थयात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास, भोज मंडप, भागवत टुंगी, सांस्कृतिक केंद्र जैसे परियोजनाओं का निर्माण भी किया जा सकता है।
शिक्षा के बुनियादी ढांचे पर भी फोकस
शिक्षा बुनियादी ढांचे के विकास के लिए भी इस योजना में व्यवस्था की गई है। अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण और जिन बुनियादी ढांचों की आवश्यकता है, उनका सुधार और विस्तार भी किया जाएगा। इसके साथ ही, खेल सुविधाएं और छोटे पर्यटन बुनियादी ढांचे का निर्माण भी किया जाएगा।
प्रत्येक परियोजना की न्यूनतम लागत 3 लाख
प्रत्येक परियोजना की न्यूनतम लागत 3 लाख रुपये होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि 3 लाख रुपये हम इसके लिए निर्धारित कर रहे हैं, ताकि छोटे से छोटे प्रोजेक्ट भी गुणवत्ता मानकों के अनुसार पूरे किए जा सकें। हमारी सरकार के पास वित्तीय संसाधनों की कोई कमी नहीं है। किसी भी योजना को वित्तीय संकट के कारण अनदेखा नहीं किया जाएगा।