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युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धी कौशल प्रदान करने पर विचार-विमर्श
भुवनेश्वर। उत्कर्ष ओडिशा – मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 के तहत आयोजित “स्किल्ड-इन-ओडिशा प्लेनरी सत्र” में ओडिशा को स्किल हब बनाने की महत्वाकांक्षी योजना का खाका पेश किया गया। इस सत्र में नीति निर्माताओं, उद्योग जगत के दिग्गजों, शिक्षाविदों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धी कौशल प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने मुख्य संबोधन में कहा कि ओडिशा के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। स्किल्ड-इन-ओडिशा जैसी पहलों के माध्यम से हम उद्योगों के लिए तैयार कार्यबल तैयार कर रहे हैं, जो वैश्विक अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा कर विकसित ओडिशा और विकसित भारत के निर्माण में योगदान देंगे।
नवाचार व कौशल विकास पर जोर
कौशल विकास एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री संपद चंद्र स्वाईं ने युवाओं के सशक्तिकरण के लिए निरंतर स्किलिंग, री-स्किलिंग और अपस्किलिंग की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का जिक्र करते हुए स्किल्ड-इन-ओडिशा पहल की सराहना की। एसडीटीई विभाग के आयुक्त-सह-सचिव भूपेंद्र सिंह पूनिया ने ओडिशा के स्किलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और उद्योग अनुकूल नीतियों पर प्रकाश डाला।
महत्वपूर्ण सत्र विकसित ओडिशा 2036 और विकसित भारत 2047 के लिए कौशल विकास में हरित हाइड्रोजन, विमानन, उच्च श्रेणी के परिधान और स्टील जैसे उभरते क्षेत्रों पर चर्चा हुई। प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे, प्रशांत चौबे, अध्यक्ष, अवाडा ग्रुप, एयर मार्शल (सेवानिवृत्त) के. अनंथारामन, जीएमआर एयरो एकेडमी, संदीप धीर, सीईओ, टाटा स्टील टेक्निकल सर्विसेज, मनीष प्रसाद, प्रेसीडेंट, एसएपी इंडिया, नरहरी एन., सीओओ, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल।
स्थानीय से वैश्विक तक स्किल्ड-इन-ओडिशा
सत्र में वैश्विक कौशल मांग और ओडिशा के अनुभवों पर चर्चा हुई। प्रमुख वक्ताओं में थे,
सुरेश नटराजन, सीईओ, आईटीई एजुकेशन सर्विस, सिंगापुर, सुश्री डेनिस आइकहॉर्न, प्रमुख, इंडो-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स, डॉ पार्थ एस महापात्र, एसोसिएट प्रोफेसर, कैलिफोर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी, सुश्री अनु अरोड़ा, निदेशक, ट्राइमेट्रो गारमेंट्स, राजकुमार संबंदम, चेयरमैन, नाविस एचआर।
16 एमओयू पर हस्ताक्षर
विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग भागीदारों के साथ 16 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे ओडिशा के कौशल विकास एजेंडे को और मजबूती मिली।
इस सत्र में 3,000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें उद्योग जगत के प्रमुख, व्यवसायिक नेता, तकनीकी संस्थानों के प्रमुख, छात्र, आईटीआई और वर्ल्ड स्किल सेंटर के प्रतिनिधि शामिल थे।