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कहा: युवाओं को मिलेगा अवसर, एमएसएमई और ब्लू इकोनॉमी को मिलेगा समर्थन
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में आयोजित ‘उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कांक्लेव 2025’ के उद्घाटन सत्र में आह्वान किया कि यह राज्य एक नए आधुनिक इकोसिस्टम की की नींव रखे, क्योंकि आर्थिक युग की ओर बढ़ने के लिए यह आदर्श राज्य है। उन्होंने कहा कि ओडिशा तेजी से बदलती दुनिया में एक मजबूत आर्थिक केंद्र बनने की क्षमता रखता है। यहां आधुनिक इकोसिस्टम का निर्माण कर युवाओं को नए अवसर दिए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने राज्य की विकास संभावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि ओडिशा की भौगोलिक स्थिति और संसाधन इसे भारत का अगला आर्थिक हब बना सकते हैं। पेट्रो और पेट्रोकेमिकल्स के विकास के लिए पारादीप और गोपालपुर में विशेष पार्क स्थापित किए जा रहे हैं। इससे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
एमएसएमई को समर्थन करें
प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी स्थापित कंपनियां एमएसएमई खूब सहयोग करें। यह सेक्टर ओडिशा की आर्थिक रीढ़ है। सरकार इस क्षेत्र को मजबूत करने के लिए हर संभव सहयोग देगी। स्थानीय उद्योगों को विश्वस्तरीय आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
ब्लू इकोनॉमी पर फोकस
प्रधानमंत्री ने ब्लू इकोनॉमी की संभावनाओं पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ओडिशा के तटीय क्षेत्र का बेहतर उपयोग कर समुद्री व्यापार और मछली पालन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए बंदरगाह आधारित उद्योगों को विकसित किया जाएगा।
रेल और सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार
पूर्वी और पश्चिमी भारत को जोड़ने के लिए ओडिशा में रेलवे और सड़क नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य को न केवल उद्योगों से जोड़ा जाएगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से भी जोड़ा जाएगा। बंदरगाह आधारित उद्योगों के विकास के लिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाएगी।
परिवर्तनशील विश्व में ओडिशा की महत्वपूर्ण भूमिका
प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में ओडिशा को अपनी रणनीति बदलनी होगी। स्थानीय संसाधनों और अवसरों का बेहतर उपयोग कर इसे एक वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।
आधुनिक इकोसिस्टम के निर्माण से बेहतर अवसर मिलेंगे
प्रधानमंत्री ने युवाओं के लिए नई योजनाओं का संकेत देते हुए कहा कि आधुनिक इकोसिस्टम के निर्माण से युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के बेहतर अवसर मिलेंगे। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस दिशा में काम करना होगा।