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कहा- प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और अपार संभावनाओं से भरपूर है राज्य
भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की असीम संभावनाओं के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 30% क्षेत्र में फैले घने वन, 500 किलोमीटर से अधिक लंबा तटीय क्षेत्र और विश्व धरोहर में शामिल जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म का आदर्श गंतव्य बनाते हैं।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा
कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य हर प्रकार के अनुभव के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ताकि एक नई पर्यटन क्रांति की शुरुआत हो सके।
इको और एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं
ओडिशा का विविध भौगोलिक परिदृश्य इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए आदर्श बनाता है। उल्लेखनीय है कि चिलिका झील, सिमिलिपाल नेशनल पार्क, भीतरकनिका नेशनल पार्क और सातकोसिया अभ्यारण्य जैसे स्थानों पर इको टूरिज्म की अनंत संभावनाएं हैं। ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, बोटिंग और जंगल सफारी जैसे एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए यह स्थान उपयुक्त हैं।
तटीय क्षेत्र में पुरी और चांदीपुर जैसे समुद्री तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, समुद्री खेल गतिविधियों के विकास की भी बड़ी संभावनाएं हैं।
सांस्कृतिक धरोहर की खासियत
जगन्नाथ पुरी मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर और लिंगराज मंदिर जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के कारण ओडिशा सांस्कृतिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है।
मोदी ने कहा कि हाल ही में जी20 सम्मेलन में कोणार्क मंदिर के पहिए की प्रस्तुति ने वैश्विक मंच पर राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया है।
सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। निजी क्षेत्र को भी इस दिशा में निवेश के लिए आगे आना चाहिए, ताकि आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सके। इको-फ्रेंडली रिसॉर्ट्स, एडवेंचर कैंप्स और पर्यटन गाइड सेवाओं का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास की पहल
इको टूरिज्म के विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि इको और एडवेंचर टूरिज्म का विकास राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधन इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं।
यदि राज्य सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस दिशा में काम करें, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों के संवर्धन में भी योगदान होगा।