-
गुजरात मॉडल का दिया उदाहरण, निवेशकों को किया आकर्षित
भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर के जनता मैदान में ‘उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कांक्लेव 2025’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं 30 बार ओडिशा आ चुका हूं। यहां के लोगों पर मेरा पूरा भरोसा है। गुजरात में भी मैंने ओडिशा के लोगों की कार्यक्षमता देखी है।
उन्होंने निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि ओडिशा में निवेश करने पर आपको दक्ष मैनपावर की कोई कमी नहीं होगी। यहां के लोगों में मेहनत और लगन की अद्वितीय क्षमता है। मोदी ने गुजरात मॉडल का जिक्र करते हुए बताया कि वहां की सफलता में ओडिशा के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ओडिशा को कभी किसी प्रधानमंत्री ने इतना महत्व नहीं दिया, जितना मैंने प्रधानमंत्री बनने के बाद यहां आकर दिया है। मैंने राज्य के विकास के लिए कई बार दौरे किए हैं।
उल्लेखनीय की केंद्र में सबसे अधिक समय तक सट्टा करने में कांग्रेसी आगे रही है।
प्रधानमंत्री के इस बार उड़ीसा आने के बयान के बाद सभागार मोदी मोदी के नारे से गूंज उठा।
बालियात्रा का गौरवशाली इतिहास ओडिशा की पहचान : प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में ‘उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कांक्लेव 2025’ के उद्घाटन सत्र में अपने संबोधन के दौरान ओडिशा के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बालियात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह त्योहार ओडिशा के गौरवशाली समुद्री व्यापार की परंपरा का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने वियतनाम के राष्ट्रपति का जिक्र करते हुए कहा कि वियतनाम के राष्ट्रपति ने मुझसे कहा था कि उनके खून ओडिशा में बसता है। यह दर्शाता है कि ओडिशा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रभाव न केवल भारत बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया में गहरा है।
एशिया का व्यापारिक द्वार था ओडिशा
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राचीन समय में ओडिशा एशिया का व्यापारिक द्वार माना जाता था। यहां के बंदरगाह दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों के साथ व्यापारिक संबंधों के प्रमुख गेटवे थे। बालियात्रा उसी गौरवशाली अतीत की याद दिलाता है, जब यहां के साहसी नाविक वियतनाम, जावा, सुमात्रा और बाली जैसे देशों में व्यापार के लिए जाते थे।
बालियात्रा की ऐतिहासिक विरासत
बालियात्रा ओडिशा की समुद्री व्यापार परंपरा का प्रतीक है। यह त्योहार कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मनाया जाता है और उन प्राचीन व्यापारिक यात्राओं की स्मृति को ताजा करता है, जब व्यापारी समुद्र के रास्ते दूर-दराज के देशों में व्यापार करने जाते थे।
ओडिशा का वैश्विक महत्व
प्रधानमंत्री ने कहा कि ओडिशा न केवल सांस्कृतिक रूप से समृद्ध है, बल्कि इसका आर्थिक और व्यापारिक महत्व भी प्राचीन काल से रहा है। आज भी राज्य अपनी सांस्कृतिक पहचान और आर्थिक संभावनाओं के लिए जाना जाता है।