Home / Odisha / ओडिशा में प्री-स्कूली बच्चों के लिए खुलेगी शिशु बाटिका – मुख्यमंत्री

ओडिशा में प्री-स्कूली बच्चों के लिए खुलेगी शिशु बाटिका – मुख्यमंत्री

  • कहा- प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा

  • नई शिक्षा नीति-2020 से संबंधित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का शुभारंभ

  • राज्य के पाठ्यक्रम में ओडिशा के गौरवमयी इतिहास, संस्कृति और वीरपुत्रों को मिलना चाहिए स्थान – प्रधान

भुवनेश्वर। नई शिक्षा नीति के तहत ओडिशा में प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा और प्री-स्कूली बच्चों के लिए शिशु बाटिका स्थापित की जायेगी।
यह घोषणा ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आज लोकसेवा भवन कन्वेंशन सेंटर में नई शिक्षा नीति-2020 से संबंधित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के शुभारंभ के मौके पर की। इस दौरान मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भाग लिया और ओडिशा में इस नीति की कार्यकुशलता पर अपने विचार रखे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में मजबूत आधार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। राज्य सरकार इसके लिए कदम उठा चुकी है और आगामी शिक्षा वर्ष से यह नीति लागू होगी।
कक्षा 1 में प्रवेश के लिए आयु सीमा तय
ओडिशा सरकार के स्कूल और जन शिक्षा विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 को लागू करने का फैसला किया है।
सोमवार को जारी नवीनतम अधिसूचना में, स्कूल और जन शिक्षा विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु उस शैक्षणिक वर्ष की 1 सितंबर तक 6+ वर्ष होनी चाहिए।
राज्य 10+2 व्यवस्था बदलेगी
उन्होंने कहा कि 10+2 व्यवस्था को बदलकर राज्य में 5+3+3+4 व्यवस्था लागू की जाएगी। प्री-स्कूल शिक्षा पर जोर दिया जाएगा और बच्चों के लिए “शिशु बाटिका” स्थापित की जायेगी। इसमें बच्चों पर बिना किसी दबाव के उनके मौलिक और संख्यात्मक ज्ञान पर ध्यान दिया जाएगा। इसके लिए आगामी वर्षों में एक मजबूत आधार तैयार किया जाएगा। शिक्षक नियुक्ति, पाठ्य-पुस्तकें तैयार करना और अन्य शैक्षिक सामग्री पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
बाहरी ज्ञान के उपयोग पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा के आधार, खेल के माध्यम से शिक्षा, मौलिक शिक्षा और बाहरी ज्ञान के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया है। शिक्षा में प्रौद्योगिकी के उपयोग को व्यापक रूप से बढ़ाया जाएगा। प्रौद्योगिकी के माध्यम से शिक्षा देना हमारी शिक्षा व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा एक विकसित भारत के निर्माण के लिए जो लक्ष्य रखा गया है, उसे साकार करने में नई शिक्षा नीति महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह छात्रों और युवा समाज को एक आधुनिक और सक्षम भारत निर्माण के लिए पूरी तरह से तैयार कर सकेगी।
प्राथमिक शिक्षा की मजबूत पर काम शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्राथमिक शिक्षा के मजबूत आधार के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। गोदावरीश मिश्र आदर्श प्राथमिक विद्यालय योजना के तहत राज्य के प्रत्येक पंचायत में एक स्कूल को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है। शहीद माधो सिंह हाथ खर्च योजना के तहत जनजातीय छात्रों के ड्रॉप आउट दर को कम करने के प्रयास शुरू किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के विद्यार्थी कल के भविष्य हैं, इसलिए उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ समयानुकूल और अन्य आदर्श गुणों के विकास पर ध्यान दिया जाना चाहिए। वे जैसे-जैसे कर्मयोगी बनेंगे, देश के उज्जवल भविष्य के निर्माण में अपनी भूमिका निभाएंगे, इस पर जोर दिया जाना चाहिए।
पाठ्यक्रम में ओडिशा के गौरवमयी इतिहास को स्थान मिले – प्रधान
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राज्य के पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए जो व्यवस्थाएं की गई हैं, उसमें शिक्षा क्षेत्र में दक्षता और विशेषज्ञता रखने वाले ओडिशा के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की राय लेना आवश्यक है। पाठ्यक्रम में ओडिशा के गौरवमयी इतिहास, संस्कृति और वीरपुत्रों को स्थान मिलना चाहिए। सभी को सहज और सुविधाजनक शिक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में नई शिक्षा नीति एक आदर्श नीति साबित होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति और राज्य शिक्षा नीति एक रूप लेकर ओडिशा के बच्चों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में सहायक होगी। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने पिछले सात महीनों में विभिन्न क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कदमों की सराहना की।
बहुभाषी शिक्षा की व्यवस्था
राज्य विद्यालय और जनशिक्षा मंत्री नित्यानंद गंडा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा के साथ बहुभाषी शिक्षा की व्यवस्था की गई है। इसके द्वारा राज्य के शिक्षा क्षेत्र में व्यापक परिवर्तन आएगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य शासन सचिव मनोज आहूजा, केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार, विद्यालय और जनशिक्षा विभाग के शासन सचिव शालिनी पंडित, प्रसिद्ध शिक्षा विशेषज्ञ मंजुल भार्गव और केंद्र और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं शिक्षा क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया।

Share this news

About desk

Check Also

शेखावत ने किए श्री जगन्नाथ मंदिर में दर्शन

सर्वजनों के कल्याण की प्रार्थना की केंद्रीय मंत्री ने कोर्णाक के सूर्य मंदिर में देखा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *